पाकुड़. उपायुक्त की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में कोल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में खनन प्रभावित गांवों के समग्र विकास, स्थानीय रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण पर चर्चा की गयी. उपायुक्त मनीष कुमार ने कोल कंपनियों को निर्देश दिया कि खनन से प्रभावित गांवों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएं, ताकि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हों. साथ ही, मल्टी प्रोसेसिंग सेंटर खोलने की दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही, सड़कों पर प्रतिदिन पानी का छिड़काव, खराब सड़कों की शीघ्र मरम्मत एवं स्पीड ब्रेकरों पर सफेद रंग से चिह्नांकन करने का निर्देश दिया गया, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को न्यूनतम किया जा सके. उपायुक्त ने कहा कि आर एंड आर पॉलिसी (पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति) का सख्ती से अनुपालन किया जाए और प्रभावित परिवारों को उनके अधिकारों एवं लाभों से समय पर लाभान्वित किया जाए. स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु उपायुक्त ने निर्देश दिया कि खाली पड़े भवनों को अस्पताल के रूप में चिह्नित कर सभी आवश्यक सुविधाएं यथाशीघ्र दुरुस्त की जाएं. साथ ही, गांवों में क्लस्टर जोन बनाकर “ममता वाहन एंबुलेंस” की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं बाजार व अस्पताल आने-जाने हेतु टोटो वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य शिविरों का नियमित आयोजन एवं युवाओं में खेल भावना को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित फुटबॉल मैच आयोजित किए जाएं. उपायुक्त ने कहा कि कोल कंपनियां केवल औद्योगिक उत्पादन तक सीमित न रहें, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रभावित क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास में भागीदार बनें. बैठक में अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, एसडीओ साइमन मरांडी, सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र मिश्रा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय सिंह बड़ाइक, डीटीओ मिथिलेश चौधरी, जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुमार, सीओ अमड़ापाड़ा औसफ अहमद खां एवं सभी कोल कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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