नगर प्रतिनिधि, पाकुड़
जिला प्रशासन ने इस वर्ष दुर्गापूजा पंडालों को सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करने की अनोखी पहल की है. प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिले के सर्वश्रेष्ठ पूजा पंडालों को 15 अक्तूबर को सम्मानित किया जायेगा. यह पुरस्कार केवल कलात्मकता और भक्ति तक सीमित नहीं होगा, बल्कि पंडालों में स्वच्छता, सुरक्षा, जागरुकता का संदेश और सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे पहलुओं को भी शामिल किया जायेगा. उपायुक्त मनीष कुमार ने सभी पूजा समितियों से अपील की है कि वे इस प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभाएं. दुर्गापूजा को स्वच्छ, सुरक्षित और सामाजिक रूप से सार्थक बनाने में प्रशासन का सहयोग करें. पंडालों को श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या के आधार पर छोटे (1000-1500), मध्यम (1000-5000) और बड़े (5000 से अधिक) वर्गों में विभाजित किया गया है. डीसी ने कहा कि हमारा लक्ष्य पूजा के रंग और भक्ति के साथ-साथ समाज में स्वच्छता, सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश प्रसारित करना है.मूल्यांकन प्रक्रिया
गुगल शीट के माध्यम से पूजा समितियों का आत्म-मूल्यांकन किया जायेगा, जिसका वेटेज 50 प्रतिशत रहेगा. इसके अलावा जिलास्तरीय टीम की ओर से प्रत्यक्ष निरीक्षण की जायेगी, जिसका वेटेज 30 प्रतिशत होगा. वहीं, श्रद्धालु क्यूआर कोड स्कैन कर मूल्यांकन करेंगे, जिसका वेटेज 20 प्रतिशत होगा.मूल्यांकन के प्रमुख मानदंड
स्वच्छता अभियान, प्लास्टिक मुक्त पंडाल, बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग, रक्तदान और सामाजिक कार्य, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आधारित जागरुकता फ्लैक्स, सुरक्षा व्यवस्था, हेल्प डेस्क और मेडिकल डेस्क, सीसीटीवी कवरेज, यातायात प्रबंधन, ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था, पारंपरिक संस्कृति और सुव्यवस्थित विसर्जन शामिल हैं.प्रथम से पंचम तक को मिलेगा पुरस्कार
प्रत्येक श्रेणी में प्रथम से पंचम तक के पूजा पंडालों को पुरस्कार मिलेगा. साथ ही तीन सांत्वना पुरस्कार भी दिए जायेंगे. निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गयी है, जो पूजा के दौरान पंडालों का निरीक्षण करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

