डॉ अनिल कुमार मुर्मू 47 साल के थे और मूलरूप से दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखंड के रांगा गांव के रहने वाले थे. गोपीकांदर लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ही अंतर्गत आता है. डॉ अनिल अपने पीछे दो पत्नी युनिकी टुडू एवं निशा शबनम हांसदा तथा चार बेटी और दो बेटे समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं.
पाकुड़ : अनिल मुर्मू का बचपन मुफलिसी में बीता. उनकी तमन्ना थी पढ़ लिख कर आइएएस अधिकारी बनेंगे. दार्जिलिंग में उनके पिता स्व सोम मुर्मू चौकीदार का काम करते थे. जिस कारण परिवार के भरण-पोषण को लेकर बजट साथ नहीं दे रहा था. बचपन में अपने साथियों की मदद से किसी तरह पढ़ाई पूरी की. मेहनती होने के कारण शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते गये और एलएलबी पीएचडी की डिग्री हासिल की. एएन कॉलेज दुमका में प्रोफेसर की नौकरी भी की. समय बदलता गया और समय के साथ उनका लगाव राजनीतिक क्षेत्र में हुआ. लंबे संघर्ष के बाद वे लिट्टीपाड़ा विधान सभा क्षेत्र के विधायक भी चुने गये. इस दौरान उन्होंने दुमका जिला व लिट्टीपाड़ा विधान सभा क्षेत्र के लोगों के लिए काफी लोकप्रिय जनप्रतिनिधि भी रहे.
आइएएस बनने की थी तमन्ना
जन्म : 12 जनवरी 1971
जन्म स्थल : गोपीकांदर का रांगा गांव
पिता : स्व. सोम मुर्मू
माता : धनी मरांडी
प्राथमिक शिक्षा : 1975 से1983 तक (गोपीकांदर मिडिल स्कूल से)
मैट्रिक : 1987 में दुमका जिला स्कूल से
स्नातक : एसपी कॉलेज दुमका से 1992 में
पीएचडी : 1997 में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर से
पत्नी, तीन बेटी, एक बेटा छोड़ गये अनिल मुर्मू
एएन कॉलेज दुमका में प्रोफेसर की नौकरी भी की
लंबे संघर्ष के बाद राजनीति में आये थे
पहले शिक्षा फिर राजनीति में बढ़ाया कदम
1999 दुमका एएन कॉलेज के प्रोफेसर बने
12 मई 1993 उनकी शादी हुई
2005 को निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े हार गये
2009 में कांग्रेस से चुनाव लड़े हार गया
2014 को जेवीएम से लोकसभा चुनाव लड़े हार गये
23 दिसंबर 2014 को झामुमो में आये
2014 में झामुमो की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के साइमन मरांडी को 25000 हजार वोट हराकर जीत हासिल की थी.