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मवेशी तस्करों का सेफ जोन बना पाकुड़

तस्करी. रोजाना बांग्लादेश भेजा जा रहा मवेशियों का खेप, अंतरराष्ट्रीय गिरोह है शामिल बेरोजगारों का किया जाता है कूरियर मैन की तरह इस्तेमाल पाकुड़ : मवेशी तस्करी पर रोक लगाने के लिए सरकार व प्रशासन भले ही सख्त हो लेकिन पाकुड़ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से मवेशी तस्करी आज भी धड़ल्ले से जारी है. आये […]

तस्करी. रोजाना बांग्लादेश भेजा जा रहा मवेशियों का खेप, अंतरराष्ट्रीय गिरोह है शामिल

बेरोजगारों का किया जाता है कूरियर मैन की तरह इस्तेमाल
पाकुड़ : मवेशी तस्करी पर रोक लगाने के लिए सरकार व प्रशासन भले ही सख्त हो लेकिन पाकुड़ जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से मवेशी तस्करी आज भी धड़ल्ले से जारी है. आये दिन मवेशी तस्कर मवेशी को लेकर अलग-अलग रास्ते से पश्चिम बंगाल ले जाया जाता है. जहां से मवेशियों को बांग्लादेश भेज दिया जाता है. पाकुड़ जिला में वर्तमान एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने पशु तस्करी के मामले में अब तक जितनी कार्रवाई की है उससे साफ है कि यह क्षेत्र पशु तस्कर के लिए पूरा सेफ जोन है
और इसी रास्ते लंबे समय से पशु की तस्करी की जा रही है. जिले का शायद ही कोई ऐसा थाना होगा, जिस क्षेत्र से मवेशियों को इस कारोबार में जुड़े कारोबारियों द्वारा पार नहीं कराया जाता हो. परंतु रात के अंधेरे में मवेशी तस्कर का काम उस क्षेत्र के स्थानीय पुलिस के मिली भगत से ही की जाती है और इस कार्य के लिए मवेशी तस्करों की ओर से पुलिस को बंधी-बंधायी रकम भी दी जाती है.
रात के अंधेरे में पार कराये जाते हैं मवेशी
पाकुड़ जिले में पशु तस्करी के मामले में सख्त हुए पुलिस को चकमा देकर मवेशी तस्करी से जुड़े माफिया रात के अंधेरे में अलग-अलग रास्ते से मवेशियों को खपाया जाता है. इस कार्य में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य भी शामिल हैं. बांग्लादेश में बैठे माफिया इस गिरोह का संचालन करते हैं. खास कर बांग्लादेश व भारत के सीमाई क्षेत्र पर यह गिरोह काफी सक्रिय है. पश्चिम बंगाल के मालदा, कलियाचक, फरक्का, रघुनाथपुर, पारदाउनापुर आदि क्षेत्रों में गिरोह के आकाओं ने कोरियर के रूप में काफी संख्या में बेरोजगार लोगों को शामिल किया है. कोरियर के रूप में कार्य कर रहे इन सदस्यों के बीच एरिया बांट दी गयी है. अपने-अपने क्षेत्र के बांटे गये एरिया से मवेशियों को पार कराये जाने एवज में गिरोह के सरगना पूर्व से तय की गयी राशि दी जाती है, जो कोरियर के रूप में काम कर रहे लोगों के लिए कम नहीं होती है.
केस स्टडी-वन
12 नवंबर को एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ श्रवण कुमार ने कार्रवाई करते हुए हिरणपुर-लिट‍्टीपाड़ा मुख्य पथ से तस्करी के लिए ले जा रहे 31 मवेशी को जब्त किया था. छापेमारी के क्रम में पुलिस को देख सभी मवेशी तस्कर फरार होने में सफल रहे थे. मामले को लेकर हिरणपुर थाना में अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया है.
केस स्टडी-टू
11 दिसंबर को अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार देव ने हिरणपुर थाना क्षेत्र से तस्करी के लिए ले जा रहे मवेशियों को मोहनपुर गांव के रास्ते से जब्त किया था. जबकि मौके से इससे जुड़े तस्कर भागने में सफल रहा था. जब्त मवेशी में 11 गाय व बैल शामिल थे. मामले को लेकर हिरणपुर थाना मामला दर्ज किया गया है.
केस स्टडी-थ्री
16 दिसंबर को एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल के निर्देश पर महेशपुर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के चंडालमारा गांव के समीप छापेमारी कर तस्करी के लिए ले जाये जा रहे 35 मवेशी को जब्त किया था. जबकि छापेमारी के दौरान अंधेरे का लाभ उठा कर सभी तस्कर भागने में सफल रहे थे. थाना प्रभारी सुरेन्द्र कुमार सिंह की लिखित शिकायत पर महेशपुर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ पीसीए की धारा 11 की उपधारा 1 (ए, बी, सी, एफ) तथा गौवंशीय पशु वध अधिनियम 2005 की धारा 4(ए-बी), 5/12 के तहत थाना कांड संख्या 172/17 दर्ज किया गया है.
केस स्टडी-फोर
21 दिसंबर को लिट‍्टीपाड़ा थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के तालझारी पंचायत अंतर्गत सिमलजोड़ी के समीप से 12 मवेशी को जब्त किया था. वहीं पुलिस को देखते ही मवेशी तस्कर वहां से फरार होने में सफल रहे थे. इस मामले में भी थाना में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है.

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