प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर, पेयजल के लिए राज्य की आधा दर्जन जिले की लाइफलाइन दामोदर नद के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए किसी तारणहार का इंतजार है
फोटो . दामोदर नद का उदगम स्थल चुल्हापानी
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कुड़ू लोहरदगा. प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर, पेयजल के लिए राज्य की आधा दर्जन जिले की लाइफलाइन दामोदर नद के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए किसी तारणहार का इंतजार है. चूल्हापानी गांव के भी ग्रामीण पिछले 15 साल से किसी तारणहार का इंतजार कर रहें हैं, ताकि दामोदर नद के उद्गम स्थल चूल्हापानी गांव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य शुरू हो सके तथा चूल्हापानी गांव के ग्रामीणों को आय का श्रोत बड़े तथा जिविकोपार्जन का साधन बनने के बाद उनकी जीवन शैली में सुधार हो सकें. जिला प्रशासन के द्धारा कई चरणों में चुल्हापानी गांव के सर्वेक्षण पर्यटन मंत्रालय के निर्देश पर किया जा चुका हैं.वन विभाग भी इको फ्रेंडली के तर्ज पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की हरी झंडी दे चुका है बावजूद इसके ना सर्वेक्षण के बाद पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की फाइल आगे बढ़ ही नहीं पा रही हैं. ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार के मुखिया से लेकर पर्यटन मंत्रालय के मंत्री को जानकारी नहीं है. निवर्तमान राज्यपाल वर्तमान में देश की राष्ट्रपति से लेकर निवर्तमान मुख्यमंत्री तथा कई मंत्रियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिला चुके हैं कि दामोदर नद का उदगम स्थल चुल्हापानी गांव पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. बताया जाता है कि दामोदर नद का उदगम स्थल कुड़ू प्रखंड के सलगी पंचायत के चूल्हापानी गांव से हुआ है. तीन पहाड़ों तथा चार पहाड़ी नदियों के पार पहाड़ की तलहटी मे दामोदर नद का उदगम स्थल हैं. 23 साल पहले साल 2002 में जमशेदपुर विधायक सह गंगा दोमादर महोत्सव के मुख्य संयोजक सरयू राय ने दामोदर नद के उदगम स्थल को खोजते-खोजते चुल्हापानी गांव पहुंचे थे तथा गंगा आरती करते हुए हर साल जुन माह में गंगा दामोदर महोत्सव का ऐलान किये थें. इसके बाद से लगातार चुल्हापानी गांव में जुन माह में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. साल 2016 में सुबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास गंगा दामोदर महोत्सव के मौके पर सलगी गांव पहुंचे तथा दामोदर नद के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने काई घोषणा किए. एक साल बाद राज्य की तत्कालीन राज्यपाल वर्तमान मे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू गंगा दामोदर महोत्सव में पहुंचे तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की घोषणा को दोहराते हुए दामोदर नद के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का आश्वासन दिए. इसके बाद जिला प्रशासन ने दो चरणों में चुल्हापानी गांव का दौरा किये. उपायुक्त डॉ बाघमारे प्रसाद कृष्ण निवर्तमान पुलिस अधीक्षक आर रामकुमार निवर्तमान अभियान पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पांडेय तीन साल पहले चुल्हापानी गांव पहुंचे तथा दामोदर नद के उदगम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर कई दिशानिर्देश जारी किये. पर्यटन मंत्रालय की टीम ने चुल्हापानी गांव का दौरा किया लेकिन नतीजा सिफर रहा है. वर्तमान सुरते हाल यह है कि गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है आजादी के 77 बाद भी चुल्हापानी गांव के ग्रामीण कटात के बाद जंगली पगडंडी के सहारे पंचायत तथा प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय आना जाना करते हैं. ग्रामीणों की जीविका का साधन लकड़ी तथा जंगली उत्पात को बेचना है. मामले पर प्रभारी बीडीओ सह सीओ मधुश्री मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर एक बार चुल्हापानी गांव का दौरा किये है. पर्यटन की संभावनाएं अपार है. जिला प्रशासन से निर्देश मिलेगा तो अंचल प्रशासन पर्यटन के लिए वन विभाग से मिलकर जमीन अधिग्रहण करते हुए जिला प्रशासन को भेज देगी.
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