लोहरदगा. झारखंड शिक्षा परियोजना के निर्देश के आलोक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए समावेशी शिक्षा अंतर्गत लोहरदगा प्रखंड के सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्रों के दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों के लिए परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तकनीकी सहायक समावेशी शिक्षा धीरज पटेल ने बताया कि इस तरह के परामर्श कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय के पोषक क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग बच्चों को उनकी क्षमता अनुरूप उनकी दिव्यंगता के आधार पर पहचान करते हुए उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का सफल प्रयास है. जिसमें अभिभावकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी क्रम में रिसोर्स शिक्षक शीलवंती मिंज ने बताया कि सभी दिव्यांग बच्चे हमारी जिम्मेदारी है. जो शिक्षा से वंचित नहीं हो और उनका जुड़ाव शिक्षा से हो इसी क्रम में यह परामर्श का आयोजन किया गया है. ताकि इनको उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न सरकारी लाभों यथा सहायक उपकरण, पुस्तकें, सहायता आदि के माध्यम से मुख्यधारा से जुड़ सके. इसके लिए विभाग और सरकार द्वारा आवश्यक रणनीति निर्माण कर शिक्षा की मुख्य धारा में बनाये रखने का हर संभव हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है.बताया गया कि समावेशी शिक्षा के अंतर्गत विभाग दिव्यांग छात्रों को सीपी चेयर,व्हील चेयर,एम आर किट, रोलेटर, कैलिपर, फुट ऑर्थोटिक्स, कान की मशीन आदि उपलब्ध कराया जाता है, ताकि बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते हुए इन्हें भी सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार किया जाये. कार्यक्रम को सफल बनाने में मंजू कुमारी बीपीओ ,धीरज पटेल थेरेपिस्ट, शीलवंती मिंज रिसोर्स शिक्षक, सीमा शर्मा बीआरपी, त्रिसंध्या प्रजापति बीआरपी, श्यामा मिश्रा बीआरपी आदि का सहयोग रहा. साथ ही दिव्यांग बच्चों के माता पिता और अभिभावक भी उपस्थित थे.
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