किस्को़ किस्को और पेशरार प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों ठंड का प्रकोप चरम पर है. पहाड़ी क्षेत्रों में कनकनी और शीतलहर ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. घने कुहासे और बर्फीली हवाओं के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं. इस बीच, प्रशासन की ओर से दोनों प्रखंडों की विभिन्न पंचायतों में कंबल उपलब्ध कराये गये हैं, जिन्हें मुखिया और पंचायत सचिवों के माध्यम से जरूरतमंदों के बीच वितरित करने का निर्देश दिया गया है. कंबल की संख्या पर उठा विवाद : प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, किस्को प्रखंड के नौ पंचायतों के लिए कुल 200 कंबल आवंटित किये गये हैं. इसमें प्रति पंचायत औसतन 22 कंबल दिये गये हैं, जबकि खरकी पंचायत को 24 कंबल मिले हैं. वहीं, पेशरार प्रखंड के प्रत्येक पंचायत को 60-60 कंबल (कुल 300) उपलब्ध कराये गये हैं. जनप्रतिनिधियों ने इन संख्याओं को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने उपायुक्त को आवेदन सौंपकर कंबलों की संख्या बढ़ाने की गुहार लगायी है. असहाय वृद्धों और आदिम जनजातियों की चिंता : देवदरिया पंचायत के मुखिया कामिल तोपनो ने कहा कि उनका क्षेत्र पहाड़ों से घिरा है, जहां ठंड का असर मैदानी इलाकों से कहीं अधिक है. उन्होंने बताया कि पंचायत में काफी संख्या में गरीब, असहाय, वृद्ध और आदिम जनजाति के परिवार निवास करते हैं, जो प्रशासन से मदद की आस लगाये बैठे हैं. मुखिया ने सवाल उठाया कि मात्र 22 कंबलों में से किसे चयन किया जाये और किसे छोड़ा जाये, यह तय करना असंभव है. उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और आबादी को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में कंबल उपलब्ध कराया जाये ताकि कोई भी जरूरतमंद इस भीषण ठंड में ठिठुरने को मजबूर न हो.
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