महिलाएं सुबह तीन बजे से ही पानी की तलाश में उठ जाती हैं पानी के लिए तरस रही है,जलमीनार, समस्या बताते महिलाएं व लोग. लोगों को न दिन में चैन है और ना रात को आराम मिल रहा है. फोटो. बेकार पडा चापाकल फोटो. ग्रामीण किस्को. एक ओर भीषण गर्मी, तो दूसरी ओर जल संकट से जूझ रहे हैं किस्को व सदर प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग. प्रखंड क्षेत्र के जोरी आनन्दपुर दाड़ी टोली में इन दिनों भीषण गर्मी में लोगो को परेशानी हो रही है. जिसके कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है. लोगों को न दिन में चैन है और ना रात को आराम मिल रहा है. गर्म हवा चलने व कड़ी धूप से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. स्थिति यह है कि लोग 10 बजने के बाद घराें से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझते. शाम छह बजे के बाद ही बाहर निकल रहे हैं. दोपहर में चौक चौराहों से लेकर गांव की गलियों में सन्नाटा पसर जा रहा है. गर्मी के बढ़ते प्रभाव की वजह से कूप, तालाब, पोखर व नदी लगभग सूख चुके हैं. चापानल का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. कई-कई जगहों पर ग्रामीणों को दूर से पानी लाना पड़ रहा है. जोरी व अनंन्दपुर के महिलाएं रात्रि तीन बजे से ही पानी के जुगाड़ में जुट जाती हैं. जोरी गांव में एक जलमीनार व चापाकल हैं, जिसमे सुबह होते ही पानी समाप्त हो जाता है. सुबह होते ही पानी के लिए मारामारी शुरू हो जाता है. गांव के ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर जाना पड़ रहा है. पंचायत के मुखिया व पीएचइडी से खराब चापानल व जलमीनार को बनाने की मांग की है. ताकि इस भीषण गर्मी में उन्हें पानी के लिए भटकना न पड़े. ग्रामीणों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है कि वह अपने मवेशियों के लिए पानी की व्यवस्था कहां से करें. ग्रामीण वीण़ा देवी, कृष्णा सिंह, सूरज वर्मा, रेशमी देवी, प्रिया कुमारी व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सुबह होते ही जलमीनार में पानी समाप्त हो जाता है. रात तीन बजे से ही पानी के लिए लाइन में खड़े होना पड़ता है. अगर रात में पानी की व्यवस्था न की जाये, तो सुबह होते ही पानी खत्म हो जाता है.
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