सेन्हा़ राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पेशरार प्रखंड के सुदूरवर्ती पठारी क्षेत्र तुईमुपाट में एक विशेष नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया. सेन्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शशिकांत कुमार ने इस शिविर में लगभग 60 आदिम जनजाति समुदाय के महिला-पुरुषों के आंखों की जांच की. डॉ शशिकांत ने बताया कि शिविर के दौरान मोतियाबिंद, निकट व दूर दृष्टि दोष, आंखों से पानी गिरना, धुंधलापन और जलन जैसी समस्याओं की जांच की गयी. जांच के उपरांत 40 वर्ष तक की आयु के 44 जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मा प्रदान किया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में अंधापन रोकने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह एक सार्थक पहल है. इस मौके पर डॉ कुमार ने ग्रामीणों को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए महत्वपूर्ण परामर्श दिये. उन्होंने कहा कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आहार में दूध, फल, अंडा, हरी सब्जियां, बीट और गाजर का नियमित सेवन करना चाहिए. साथ ही, आंखों को दिन में कम से कम तीन बार स्वच्छ पानी या गुलाब जल से धोना चाहिये, ताकि धूल-कण और जीवाणु साफ हो सकें और आंखों की रोशनी सुरक्षित रहे. शिविर में सोमा असुर, जयमंगल असुर, सुकरा असुर, बिहानी असुर, दिनेश खेरवार, राम असुर, जनेश्वर खेरवार, एतवा खेरवार और सानिया असुर सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे.
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