लोहरदगा. झारखण्ड राज्य जलछाजन मिशन अंतर्गत लोहरदगा जिला में वाटरशेड यात्रा का मंगलवार को समापन हो गया. इसके अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन कैरो प्रखण्ड-सह-अंचल कार्यालय परिसर तके किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि जलछाजन मिशन अंतर्गत यह कार्यक्रम बहुत ही बढ़िया तरीके से आयोजित किया गया। इस मिशन के जरिये जल के बेहतर प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है.कृषि कार्य में जल का इस्तेमाल हमेशा से होता आया है और इसके लिए जरूरी है कि सिंचाई के लिए विकल्प ढूंढा जाये, जल संचय किया जाये. जल संचय कर हम बारिश के पानी से डोभा, तालाब के लिए जल की व्यवस्था कर सकते हैं. मेढ़बंदी कर मिट्टी का कटाव रोक सकते हैं. आज के कार्यक्रम में कृषि व विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाये हैं, जिसका फायदा उठा सकते हैं. कृषि के नयी तकनीक सीख सकते हैं और अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं. आज जिला के कुडू व कैरो समेत कई क्षेत्रों में कृषि की नयी तकनीक का इस्तेमाल लोग कर रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे हैं. उप विकास आयुक्त, लोहरदगा ने कहा कि सभी के प्रयास से ही खुशहाली आयेगी. जलछाजन मिशन एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें पानी के संरक्षण की जानकारी दी जा रही है. उप विकास आयुक्त ने कहा कि वाटरशेड योद्धाओं ने गांव-गांव जा कर योजनाओं की जानकारी दी है. यह सिर्फ एक विभाग की योजना नहीं है. इससे सभी अपने प्रयास से जन-जन तक पहुंचाएं. जिला कृषि पदाधिकारी कालेन खलखो ने वाटरशेड यात्रा के महत्व के बारे में बताया. साथ ही, कहा कि जल, जीवन और जमीन को बचाने के लिए यह कार्यक्रम सभी विभागों से जुड़ा हुआ है. लोग इस यात्रा से जुड़ें और स्वयं को सशक्त बनायें. पशुपालन पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार ने पशुगणना-2025 की जानकारी दी और कहा कि प्रत्येक जन इस कार्यक्रम में शामिल प्रगणकों का पूर्ण सहयोग करें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठायें.
वाटरशेड योद्धाओं को किया गया सम्मानित
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