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वैदिक शिक्षा का ज्ञान बेहद जरूरी: प्रियदर्शी आलोक

लोहरदगा : गुरुकुल शांति आश्रम में सात दिवसीय युवा चरित्र निर्माण शिविर का समापन समारोह हुआ. इसमें मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक उपस्थित थे. मौके पर उन्होंने कहा कि हम लोग पहले पुस्तकों में पढ़ा करते थे कि गुरुकुल में आचार्यगण अपने शिष्यों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दिया करते थे, इनमें धनुर्विद्या, योगासन, प्राणायाम, […]

लोहरदगा : गुरुकुल शांति आश्रम में सात दिवसीय युवा चरित्र निर्माण शिविर का समापन समारोह हुआ. इसमें मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक उपस्थित थे. मौके पर उन्होंने कहा कि हम लोग पहले पुस्तकों में पढ़ा करते थे कि गुरुकुल में आचार्यगण अपने शिष्यों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दिया करते थे, इनमें धनुर्विद्या, योगासन, प्राणायाम, मुद्गर, मलखम आदि अनेक प्रकार के व्यायाम के माध्यम से अपने शरीर को बलिष्ठ करते थे.

गुरुकुल शांति आश्रम में प्रशिक्षणार्थियों को चरित्र, संस्कार, संस्कृति के ज्ञान के साथ-साथ वैदिक शिक्षा का ज्ञान बेहद जरूरी है. निःसंदेह शांति आश्रम में अच्छी शिक्षा दी जा रही है. प्राचीन गुरुकुल शिक्षा पद्धति का गुरुकुल के ब्रह्मचारी सराहनीय प्रदर्शन कर रहे हैं. आज वे चीजें हमें अपने नजर के सामने देख कर बहुत खुशी महसूस हो रही है.

उन्होंने कहा कि अगर इन्हें कुशल मार्गदर्शन योग्य शिक्षकों द्वारा पेशेवर तरीके से प्रशिक्षित किया जाये तो नि:संदेह देश- विदेशों में भी यह ओलंपिक में श्रेष्ठतम प्रदर्शन करते हुए भारत का लोहा दुनिया में मनवायेंगे और बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हुए पदकों की संख्या बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के सहयोग लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ संचालक सच्चिदानंद अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के माध्यम से जिस तरह से अनुशासन का परिचय दिया गया और पेशरार जैसे दुर्गम क्षेत्र के बच्चों को भी एक सप्ताह के अंदर चरित्र निर्माण संस्कार का जो शिक्षा-दीक्षा दिया गया है निश्चित रूप से सराहनीय है.

गुरुकुल शांति आश्रम के अध्यक्ष डॉक्टर कुंज देव महेशी मनीषी ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था आधुनिक युग में भी प्रासंगिक है. गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करनेवाले बच्चे न केवल खुद परिवार,समाज बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका मौजूदा समय में निभा रहे हैं. आधुनिक समय में गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था समाज के विकास के लिए संजीवनी का कार्य कर रही है. मौके पर कदमताल, सर्वांग सुंदर, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, लाठी संचालन, योगासन, तलवार संचालन एवं होने वाले धनुर्विद्या तथा गले से लोहे की सरिया को मोड़ना, मुद्गर चलाना आदि भव्य प्रदर्शन किये गये.

मौके पर गुरुकुल शांति आश्रम के संचालक आचार्य शरतचंद्र आर्य, कृपाशंकर सिंह, अनिल गुप्ता, मनोज दास, सतीश जायसवाल, विजय जायसवाल, दीपक मुखर्जी, गणेश लाल, शिव शंकर सिंह, गुप्तेश्वर गुप्ता, भूषण प्रसाद, गुरुचरण आर्य, लाल नवल किशोर नाथ शाहदेव, सुखनाथ नगेसिया, जितेंद्र शाहदेव, गणेश शास्त्री, अविनाश शास्त्री, बिंदेश्वर शास्त्री, आशीष आर्य, देव प्रकाश आर्य, महादेव पहलवान, रवींद्र दत्ता, दिलीप साहू, शंभु शिखर, अर्जुनदेव आर्य, अभय भारती, आकाश आर्य, सूरज आर्य, योगेंद्र आर्य एवं आर्य वीर दल की प्रियंका साहू, खुशी भारती, मानसी कुमारी, ऋषि साहू सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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