लातेहार. झामुमो जिला कमेटी की ओर से सरना धर्म कोड लागू कराने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के समक्ष मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया गया. मुख्य अतिथि झामुमो के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम ने कहा कि भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूरे देश में जनगणना कराने का निर्णय लिया है. झारखंड सरकार ने सरना धर्म कोड व आदिवासी धर्म कोड विधेयक को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा था. लेकिन, पांच साल बीतने के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. जब तक सरना धर्म कोड या आदिवासी धर्म कोड लागू नहीं होता है, तब तक जनगणना नहीं कराने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी समुदाय के प्रति दोहरी मानसिकता रखती है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जनगणना के फॉर्म में हिंदू, मुस्लिम व इसाई आदि धर्म का कॉलम है, उसी प्रकार सरना या आदिवासी का भी कॉलम होना चाहिये. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष लाल माेतीनाथ शाहदेव ने कहा कि सरना धर्म कोड एक विशेष धार्मिक कोड है, जो आदिवासी समुदायों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मान्यता देने के लिए प्रस्तावित है. यह कोड आदिवासियों को उनकी विशिष्ट धार्मिक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने में मदद करेगा. श्री शाहदेव ने इसे आदिवासियों के जीवन-मरण से जुड़ी मांग बताया. संचालन जिला परिषद सदस्य बुद्धेश्वर उरांव ने किया. मौके पर जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष अरुण कुमार दुबे, शमसुल होदा, इमरान खान, विनोद उरांव, आर्सेन तिर्की, जीरा देवी, रिंकू कच्छप, नसीम अंसारी, बासुदेव यादव, सुदामा प्रसाद, सुशील कुमार, प्रभात कुमार, अंकित पांडेय व विशाल कुमार समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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