पंकज कुमार
अगर कुछ करने की तमन्ना हो, हौसला बुलंद हो, तो हर मंजिल पाना मुमकिन है. इसे साबित कर दिखाया है लातेहार के पांडेयपूरा पंचायत की पूनम तिग्गा ने. पूनम मैट्रिक पास एक आदिवासी युवती है. उसके पति मोरिस अगेरिया गांव में ही कृषि और मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे.
मोरिस की कमाई से दो बच्चों की पढ़ाई का खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था. पूनम ने पति का बोझ कम करने के लिए कुछ काम करने का मन बनाया. इसी दौरान स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को नि:शुल्क प्रशिक्षणों की जानकारी दी. पूनम को बात जंची. मुर्गी पालन का छह दिन का प्रशिक्षण लिया.
बैंक से 52,000 रुपये का ऋण भी मिला. इसमें 25 हजार की पूंजी और मिला कर पूनम ने अक्तूबर, 2015 में मुर्गी फार्म खोल लिया. देखते ही देखते मुर्गी फार्म से अच्छी कमाई होने लगी. पूनम प्रति माह आठ से दस हजार रुपये कमा रही है. अब उसके बच्चे लातेहार के प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं. उसके काम में पति भी सहयोग करते हैं.