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भूख से मौत के बाद खानापूर्ति के लिए होती है जांच : बंधु
महुआडांड़ : रामचरण मुंडा की भूख जनित रोग से हुई मौत के बाद महुआडांड़ के लुरगुमी गांव पहुंचे पूर्व शिक्षा मंत्री सह झाविमो के महासचिव बंधु तिर्की ने गांववालों से घटना की पूरी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि राज्य की जनता भूख से मर रही है, और राज्य सरकार खानापूर्ति के लिए जांच करने का […]
महुआडांड़ : रामचरण मुंडा की भूख जनित रोग से हुई मौत के बाद महुआडांड़ के लुरगुमी गांव पहुंचे पूर्व शिक्षा मंत्री सह झाविमो के महासचिव बंधु तिर्की ने गांववालों से घटना की पूरी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि राज्य की जनता भूख से मर रही है, और राज्य सरकार खानापूर्ति के लिए जांच करने का आदेश देती है. अब तक 23 मौत हो चुकी है, लेकिन किसी भी मौत का कोई नतीजा नहीं निकला है. सरकार मरने के बाद पोस्टमार्टम कराती है और यह पता लगाती है मृतक ने कितने दिनों से खाना नहीं खाया है.
लुरगुमी गांव में तीन माह से राशन का वितरण नहीं हो रहा है, इसकी चिंता सरकार को नहीं है. मामले की लीपापोती करने में जुटी सरकार यह बता रही है कि बीमारी से रामचरण की मौत हुई है. जो व्यक्ति चार दिन से खाना नहीं खायेगा तो स्वाभाविक है कि वह बीमार होगा. गांव के लोगों से बातचीत के बाद यह दावा के साथ कह सकता हूं कि रामचरण मुंडा की मौत भूख से ही हुई है.
मृतक की पत्नी से की बात : लुरगुमी कला गांव में गांव वालों से मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद श्री तिर्की ने मृतक की पत्नी चमरी देवी से बात की. उन्होंने कुछ आर्थिक मदद भी दी और घटना की पूरी जानकारी ली.
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