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धान की फसल में तीन बार डाला जाता है यूरिया : रूपेश

धान की फसल हर तरफ खेतों में लहलहा रही है.

3कोडपी7धान की फसल. 3कोडपी8 रूपेश रंजन. प्रतिनिधि जयनगर. धान की फसल हर तरफ खेतों में लहलहा रही है. जून अंतिम से जुलाई माह में बेहतर मानूसन को देखते हुए बेहतर रोपनी हुई है. अब पौधों में बाली आने का समय है, ऐसे में किसानों को कब व कितना यूरिया का छिड़काव करना चाहिए और इससे क्या लाभ होगा. इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर कोडरमा के एग्रोफोरेस्टी ऑफिसर रूपेश रंजन ने बताया कि धान की फसल में यूरिया मुख्यत: तीन बार डाला जाता है. उन्होंने बताया कि पहली बार रोपाई के 21 दिन बाद जब पौधों में बालियां आने वाली है, दूसरी ओर 40-45 दिन बाद जब बाली में दाना बनने और भरने की प्रक्रिया शुरू होती है तथा 90-100 दिन बाद यूरिया डालना चाहिए. उन्होंने बताया कि यूरिया को सिंचाई के बाद डालना सबसे अच्छा होता है ताकि नाइट्रोन पौधों से आसनी से पहुंच सके और उपज बढ़ सके. इससे उपज बढ़ने में मदद मिलती है. श्री रंजन ने यूरिया डालने का तरीका बताते हुए कहा कि असमय यूरिया डालने से मिट्टी व फसल दोनों पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए सही समय पर सही मात्रा में यूरिया डालें. उन्होंने बताया कि यूरिया का उपयोग सिंचाई के बाद करने से यह पानी के संपर्क में आने के बाद पौधों द्वारा प्रभावी ढंग से अवशोषित होता है और आसानी के साथ मिट्टी में घुल जाता है, और पौधोंं की जड़ तक पहुंच जाता है. जबकि बगैर सिंचाई से यूरिया डालने से यह भाप बनकर उड़ जाता है. इससे नाइट्रोन की मात्रा कम जाती है और फसल को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है.

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