गौरी शंकर मोहल्ला में बन रहे बंगाल के मंदिर के पंडाल का प्रारूप. 9कोडपी54 संजय तर्वे, अध्यक्ष. 9कोडपी55 अंकित एकघरा, सह सचिव. —————————— ——–दुर्गोत्सव की तैयारी——– 47 वर्षों से हो रही है दुर्गा पूजा, इस बार भी भव्य आयोजन की तैयारी पेड़ पर जोड़ा बेल लगने से जुड़ी है आस्था, हर वर्ष दिखता है ऐसा संयोग —————————————— प्रतिनिधि झुमरीतिलैया. कुछ ही दिनों में नवरात्र की शुरुआत होगी और श्रद्धालु आदि शक्ति मां भवानी की भक्ति में लीन रहेंगे. इस बार दो अक्तूबर को विजयदशमी मनायी जायेगी. ऐसे में नवरात्र व दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. शहर में विभिन्न जगहों पर पूजा पंडाल आकार लेने लगे हैं, तो पूजा समितियां अन्य तैयारियों में भी लगी है. अलग-अलग जगहों पर पूजा का अपना अलग इतिहास है. कुछ इसी तरह की कहानी गौरी शंकर मोहल्ला में होने वाले दुर्गा पूजा से जुड़ी है. इस बार यहां बंगाल के प्राचीन मंदिर का प्रारूप दिखेगा. यहां सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति का इतिहास करीब पांच दशक पुराना है. लगातार 47 वर्षों से यहां प्रतिमा स्थापित कर माता रानी की पूजा-अर्चना की जा रही है. यहां दुर्गा पूजा की शुरुआत एक अद्भुत और रहस्यमयी घटनाक्रम से हुई थी, जो आज भी लोगों की आस्था को मजबूती देता है. समिति के अध्यक्ष संजय तर्वे ने बताया कि वर्ष 1978 से पहले मोहल्ले में स्थित एक बेल के पेड़ पर नवरात्र के दौरान लगातार जोड़ा बेल लग रहा था. यह नजारा पूरे मोहल्ले के लिए आश्चर्य और चर्चा का विषय बन गया. लोगों ने इसे माता दुर्गा के आगमन का संकेत माना और सामूहिक रूप से बैठक कर निर्णय लिया कि यहां से सामूहिक दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी. उसी वर्ष सीएच कंपनी की खाली पड़ी जमीन पर चबूतरा बनाकर पहली बार प्रतिमा स्थापित की गई और पूजा का शुभारंभ हुआ. ———————- पिछले 46 वर्षों से आज भी उसी पेड़ की एक डाली में नवरात्र से पूर्व जोड़ा बेल लगता है. नवरात्र की सप्तमी तिथि से पहले पूरे मोहल्ले में गाजे-बाजे और भक्तिमय वातावरण के साथ बेल भरनी को लाकर दुर्गा मंडप में स्थापित किया जाता है. यह परंपरा मोहल्लेवासियों की श्रद्धा का प्रतीक है और हर वर्ष इसे देखने सैकड़ों लोग एकत्र होते हैं. इस बार भी पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. ——–संजय तर्वे, अध्यक्ष ———————– इस वर्ष बंगाल के प्राचीन मंदिर के प्रारूप में भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. वहीं हजारीबाग के मूर्तिकार सुनील कुमार द्वारा माता दुर्गा की प्रतिमा बनाई जा रही है. पंडाल की सजावट, लाइटिंग और कलात्मक डिजाइन देखने योग्य होगी. करीब पांच लाख का खर्च पूजा में होना है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पंडाल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे और अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था रहेगी. ————अंकित एकघरा, सह सचिव
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