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मोदी सरकार का रवैया मजदूर विरोधी है : अरको राजपंडित

कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीडब्लूएफआई) और सीटू से संबद्ध झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन का प्रथम राज्य सम्मेलन मंगलवार को साहू धर्मशाला में संपन्न हुआ.

9कोडपी13 संबोधित करते वक्ता. 9कोडपी14 बैठक में उपस्थित लोग. ————————— झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन का प्रथम राज्य सम्मेलन संपन्न संजय पासवान बने राज्य महासचिव, राकेश अध्यक्ष असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है ———————— प्रतिनिधि कोडरमा. कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीडब्लूएफआई) और सीटू से संबद्ध झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन का प्रथम राज्य सम्मेलन मंगलवार को साहू धर्मशाला में संपन्न हुआ. सम्मेलन का संचालन रमेश प्रजापति, गणेश कुमार सीटू, राकेश कुमार और बसंती देवी की चार सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने किया. रवींद्र भारती के द्वारा लाल झंडा फहराने के साथ सम्मेलन की शुरूआत हुई. जहां शहीद बेदी पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. सम्मेलन का विधिवत उदघाटन करते हुए सीटू झारखंड के महासचिव विश्वजीत देव ने कहा कि आज एक ओर मेहनतकशों के जीवन पर बढ़ रहे अंतहीन हमले और दूसरी ओर एकाधिकारवादी विभाजनकारी ताकतों द्वारा जनतांत्रिक अधिकारों और सामाजिक सद्भाव को खत्म किये जाने की लगातार कोशिश हो रही है. दूसरी तरफ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है. 29 श्रम कानूनों में बदलाव कर मालिक पक्षीय चार लेबर कोड में तब्दील कर दिया गया है, जिसके तहत काम के घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रस्ताव है. इतना ही नहीं, लेबर कोड लागू होने से अपने अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन करने का अधिकार भी छिन जायेगा और मजदूरों को गुलाम बनाया जायेगा. पर्यवेक्षक सीडब्ल्यूएफआई के राष्ट्रीय सचिव अरको राजपंडित ने कहा कि केन्द्र में निर्माण मजदूरों के कल्याण बोर्ड का 70 हजार करोड़ रूपये पड़ा हुआ है. लेकिन मजदूरों के कल्याण में मोदी सरकार खर्च नहीं कर रही है. ऊपर से 50 लाख तक निर्माण कार्य के लिए सेस नहीं लिया जायेगा, जिससे मजदूरों के अधिकारों में और कटौती होगी. केन्द्र में बैठी मोदी सरकार का रवैया मजदूर विरोधी है, जिसके खिलाफ निर्माण श्रमिकों का मजबूत संगठन बनाकर विशाल संघर्ष खड़ा करना होगा. राज्य महासचिव सचिव पासवान ने कहा कि मजदूरों को मिलने वाला अधिकार श्रम विभाग से नहीं मिल रहा है. निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना हो जाने से मजदूरों को कोई मुआवजा नहीं मिलता है. महिला मजदूरों को मजदूरी कम मिलता है, वहीं कार्य स्थल पर इनका शोषण भी होता है. मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति भी नहीं दिया जा रहा है और न ही बीमारी की ईलाज की व्यवस्था है. ऐसे में देश का सबसे बड़ा मजदूर संगठन सीटू के नेतृत्व में मजदूर वर्ग के अधिकारों की रक्षा और शोषण के खिलाफ हमें एक होना होगा. सम्मेलन को झारखंड राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव असीम सरकार और दलित शोषण मुक्ति मंच के अध्यक्ष दिनेश रविदास ने भी संबोधित किया. अंत में निर्माण झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन की 25 सदस्यीय नई राज्य कमेटी का गठन किया गया. जिसमें राकेश कुमार अध्यक्ष, संजय पासवान महासचिव, कपिल महतो कोषाध्यक्ष, प्रेम प्रकाश, गणेश कुमार सीटू व देवी सिंह पहाड़िया उपाध्यक्ष, रिजाउल करीम, विगल उरांव, शम्भु पासवान व बसंती देवी संयुक्त सचिव के अलावा नागेश्वर दास, अजय कुमार नायक, लुईस तिग्गा, रामयग मिश्रा, दुर्गा टोप्पो, बद्री तुरी आदि कार्यकारिणी सदस्य चुने गये. सम्मेलन में 15 जिलों से भारी संख्या में महिला व पुरुष प्रतिनिधि शामिल थे.

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