कोडरमा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया़ मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बालकृष्ण तिवारी ने कहा कि आज के वर्तमान परिवेश में लोक अदालत किसी परिचय की मोहताज नहीं है़ लोक अदालत में दिये गये फैसले में दोनों पक्षों की जीत होती है़ कोई पक्ष इसे थोपा हुआ महसूस नहीं करता है़ लोक अदालत में दिये गये निर्णय के विरुद्ध कहीं भी कोई अपील नहीं होती़ लोक अदालत का निर्णय अंतिम निर्णय होता है़ उन्होंने कहा कि लोक अदालत में जहां एक ओर लोगों के समय और पैसे की बचत होती है़ वहीं दूसरी ओर न्यायालय से मुकदमों का बोझ कम होता है़ इस लोक अदालत में सात बेंचों का गठन किया गया था़ इनके माध्यम से 10 वादों का निष्पादन किया गया़ साथ ही विभिन्न विभागों से 7,20,000 रुपये के राजस्व की वसूली की गयी. बेंच संख्या एक में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय अमितेश लाल व अधिवक्ता सुरेश कुमार, बेंच संख्या दो में जिला जज तृतीय राकेश चंद्रा व अधिवक्ता भुनेश्वर राणा, बेंच संख्या तीन में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित कुमार वैश व अधिवक्ता कीर्ति कुमारी, बेंच संख्या चार में एसीजेएम मनोरंजन कुमार व अधिवक्ता शांति कुमारी, बेंच संख्या पांच में एसडीजेएम कंचन टोप्पो व अधिवक्ता रीना कुमारी, बेंच संख्या छह में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ज्योत्सना पांडेय व अधिवक्ता संगीता रानी एवं बेंच संख्या सात में स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष डॉ आरके तिवारी, सदस्य ममता सिंह ने मामले की सुनवाई की़ इस अवसर पर जिला जज प्रथम गुलाम हैदर, प्राधिकार के प्रभारी सचिव मनोरंजन कुमार, मुंसिफ मिथिलेश कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी शिवांगी प्रिया, नमिता मिंज, विद्युत विभाग, उत्पाद विभाग के अधिकारी, न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह, मूंगा लाल दास, राजेंद्र कुमार, मनोज मिश्रा, रंजीत कुमार, राजीव रंजन, प्रियंका कुमारी, कुमार संजय, विकास कुमार, महेश्वर कुमार, राजीव कुमार, रवि कुमार, पीएलवी. रवीद्र कुमार, पांडेय शेखर प्रसाद, मोनिका कुमारी, मनोज कुमार, कंचन कपूर आदि मौजूद थे़
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