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ठेका कर्मियों का डाटा जमा करेगा सीसीएल
रांची : सीसीएल में काम करनेवाले ठेका कर्मियों का डाटा जमा किया जायेगा. इसके लिए सीसीएल के कुछ अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. सीएमपीडीआइ के अधिकारियों ने इनको प्रशिक्षण दिया है. ठेका कर्मियों का डाटा जमा करने के बाद इसकी कंप्यूटर में सीडिंग करनी है. इसमें सभी ठेकाकर्मियों का आइडी नंबर भी रहेगा. ठेका […]
रांची : सीसीएल में काम करनेवाले ठेका कर्मियों का डाटा जमा किया जायेगा. इसके लिए सीसीएल के कुछ अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. सीएमपीडीआइ के अधिकारियों ने इनको प्रशिक्षण दिया है. ठेका कर्मियों का डाटा जमा करने के बाद इसकी कंप्यूटर में सीडिंग करनी है.
इसमें सभी ठेकाकर्मियों का आइडी नंबर भी रहेगा. ठेका के काम में लगी कंपनियों को भी यह डाटा उपलब्ध कराना है. कंपनी के अधिकारियों को यह भी जमा करना है कि कितनी राशि का भुगतान ठेका मजदूरों को हो रहा है. भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने कोयला कंपनियों में काम करनेवाले ठेका श्रमिकों के लिए एक पोर्टल लांच किया है.
इसमें ठेका श्रमिकों से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी. अभी अधिकतर कोयला कंपनियों के पास ठेका श्रमिकों से संबंधित कोई डाटा नहीं है. इस कारण ठेका श्रमिकों को जेबीसीसीअाइ की सब कमेटी में तय मजदूरी भी नहीं मिल रही है. इस पर करीब दो साल हो गया है. अब कर्मियों को दो साल के बकाये भुगतान की मांग हो रही है.
अभी कोयला कंपनियों में काम करनेवाले मजदूरों को 503 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी देनी है. एटक नेता लखन लाल महतो का कहना है कि कंपनियां नहीं चाहती है कि ठेका मजदूरों को उनका तय मानदेय मिले. अधिकारी और ठेकेदार मिल कर प्रबंधन को गुमराह करते हैं. इसमें प्रबंधन के लोग भी सहमत हो जाते हैं.
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