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मछली पालन बेहतर व्यवसाय
जयनगर : डीवीसी भूमि संरक्षण विभाग जलीय संसाधन मैथन व एसआईइपी बांझेडीह की ओर से प्लांट के निकट स्थित एडमिन बिल्डिंग में तीन दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण शुरू किया गया़ बुधवार को डीवीसी के मुख्य अभियंता एके बनर्जी ने इसका उदघाटन किया़ श्री बनर्जी ने कहा कि मछली पालन बेहतर व्यवसाय बन सकता है. ग्रामीण […]
जयनगर : डीवीसी भूमि संरक्षण विभाग जलीय संसाधन मैथन व एसआईइपी बांझेडीह की ओर से प्लांट के निकट स्थित एडमिन बिल्डिंग में तीन दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण शुरू किया गया़ बुधवार को डीवीसी के मुख्य अभियंता एके बनर्जी ने इसका उदघाटन किया़ श्री बनर्जी ने कहा कि मछली पालन बेहतर व्यवसाय बन सकता है. ग्रामीण मछली पालन कर खुद को समृद्ध बनायें.
उन्होंने लोगों से प्रशिक्षण लेकर इसका लाभ उठाने को कहा़
उन्होंने कहा कि एसआइपी विस्थापित गांवों के विकास में अहम भूमिका निभा रही है. मैथन जलीय संसाधन के कार्यपालक अभियंता डाॅ एनसी साहा ने कहा कि वर्ष 2015-16 में डीवीसी द्वारा 481 लाख मछली का जीरा (बीज) तैयार किया गया. 200 लोगों को मछली पालन का प्रशिक्षण दिया गया है. वहीं 48 लाख मछली पालन किया है. डीवीसी द्वारा मछली पालन में 6.6 करोड़ खर्च किये गये हैं तथा वर्ष 2007 से 2015 तक 2829 लोगों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है.
मौके पर मत्स्य पदाधिकारी दीपांकर सीट, एसआइपी के सीनियर मैनेजर हरिश चंद्र सिंह, डिप्टी मैनेजर राजू प्रसाद, एसआइपी की परियोजना पदाधिकारी कांता सोरेन, डीवीसी के विश्व मोहन गोस्वामी, एसके धारा, पीके सहाय, अरुण घोष, राजेश पांडेय, विशेष सहायक बोधी पंडित, उपेंद्र कुमार, अर्जुन चौधरी, रामदेव यादव, दिनेश यादव, सुभाष यादव, अनवर अंसारी, जैनुल अंसारी, हदिश अंसारी, सदीक अंसारी, मही उद्वीन, साहिद अंसारी, सोहेल आदि थे़
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