कोडरमा : जिले के मुख्य शहर झुमरीतिलैया में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक है. पिछले 24 घंटे में आवारा कुत्तों ने एक साथ आधा दर्जन से अधिक लोगों को काट कर घायल कर दिया. कुत्ते के हमले से बुरी तरह घायल एक बुजुर्ग महिला की रविवार सुबह मौत हो गयी. मृतका 66 वर्षीय आरती देवी प्रभात खबर के जयनगर प्रतिनिधि राजेश सिंह की मां थीं. अावारा कुत्तों ने शहर की एक महिला वार्ड पार्षद को भी अपना निशाना बनाया.
सभी का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया गया. घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. जानकारी के अनुसार शनिवार की शाम आवारा कुत्तों के झुंड में शामिल एक कुत्ते ने कोडरमा रेलवे स्टेशन के पास दो युवकों को अपना निशाना बनाया और इन्हें काट कर जख्मी कर दिया. इससे पहले सुबह करीब छह बजे ओवरब्रिज पर एक अन्य युवक दिलीप सोनकर को कुत्ते ने काट लिया.
दिलीप अपनी दुकान जा रहे थे. घायल दिलीप के अनुसार कुत्ते ने उनके पहले दो स्कूली छात्राओं को घायल किया था. दोपहर में कुत्ते ने गांधी स्कूल रोड में वार्ड नंबर 25 की पार्षद किरण देवी को काट कर घायल कर दिया. किरण घर के बाहर खड़ी थी. इसी दौरान घटना हुई. वहीं देर रात करीब आठ बजे पानी टंकी रोड स्थित जैन मोहल्ला निवासी आरती देवी पर कुत्ते ने हमला कर दिया. घटना के वक्त आरती देवी अपने घर के बाहर थी.
अचानक हुए हमले से वह बुरी तरह जख्मी हो गयी. उनके हाथ व अन्य जगह पर कुत्ते के हमले से गहरे जख्म हो गये. परिजन उन्हें तत्काल निजी अस्पताल व फिर सदर अस्पताल कोडरमा ले गये, जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद वापस घर भेज दिया. रात में आरती देवी सो गयी. सुबह परिजन उठे तो वह मृत पड़ी थीं.
स्थानीय लोगों की मानें, तो पिछले कई माह से आसपास के इलाके में आवारा कुत्तों ने कई लोगों को निशाना बनाया है. राह चलते लोगों के साथ-साथ स्कूल आते-जाते समय बच्चों को भी कुत्ते हमला कर घायल कर देते हैं. यही नहीं मॉर्निंग वॉक के समय भी कुत्तों का आतंक दिखता है. इस संबंध में कई बार नगर पर्षद से शिकायत की गयी, पर कोई समाधान नहीं निकला.
कोडरमा : आवारा कुत्तों के आगे सिस्टम बेबस
कोडरमा : शहरी क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय नगर निकायों के द्वारा करोड़ों का फंड खर्च किया जा रहा है, पर इंसानी जान लेने वाले आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए इन निकायों के पास अपनी कोई योजना नहीं है. नगर निकायों की कुर्सी पर जमे पदाधिकारी से लेकर निर्णय लेने वाले जनप्रतिनिधि भी इस मामले पर बगले झांकते नजर आते हैं.
जी हां, शहर के कई इलाकों में लंबे दिनों से आवारा कुत्तों का आतंक है. कुत्ते अब इतने खतरनाक हो गये हैं कि इंसान की जान तक ले रहे हैं, पर इन पर रोक लगाने को लेकर नगर पर्षद के पास कोई तैयारी नहीं दिखती. अावारा कुत्तों पर लगाम लगाने को लेकर न तो नगर पर्षद झुमरीतिलैया और न ही जिले के नगर पंचायत कोडरमा व नवगठित नगर पंचायत डोमचांच के पास कोई ठोस योजना है.
इन निकायों के पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक सिर्फ सड़क, नाली, गली व लाइट लगाने की योजना में फंड खर्च करने में लगे हैं, लेकिन इस बड़े मुद्दे पर किसी का ध्यान नहीं है. बीते दिन शहर के राजगढ़िया रोड में भी एक साथ आवारा कुत्ते ने कई लोगों को निशाना बनाया था तो स्थानीय पार्षद पिंकी जैन ने नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी व अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध किया था, पर हुआ कुछ नहीं.
अब अावारा कुत्तों ने एक बुजुर्ग महिला आरती देवी की जान ले ली है तो लोगों में रोष है. लोगों की मानें तो जब तक इस मुद्दे पर नगर पर्षद गंभीर नहीं होगा, तब तक कोई समाधान नहीं निकलेगा. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में और लोगों की जान जा सकती है. इससे पहले भी अावारा कुत्तों ने पिछले वर्ष मरकच्चो में खुले में शौच के लिए गयी बच्ची को नोंच-नोंच कर मार डाला था.
नगर निकाय ये कर सकता है व्यवस्थारू जानकार बताते हैं कि नगर निकाय चाहे तो आवारा कुत्तों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान चलाकर इन्हें पकड़ा जा सकता है. इसके लिए डॉग कैचर वाहन व नेट की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावा कुत्तों की नसबंदी कर इनकी बढ़ती संख्या पर रोक लगायी जा सकती है. साथ ही कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन देकर इनके नुकसान को कम किया जा सकता है.
हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं : कार्यपालक पदाधिकारी
आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर पूछे जाने पर नगर पर्षद झुमरीतिलैया के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार ने बताया कि अभी फिलहाल हमारे पास लावारिस कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई जाली और मशीन की व्यवस्था नहीं है. शहर में अगर इस प्रकार की घटना हो रही है तो सोमवार को इस समस्या से निबटने को लेकर विचार-विमर्श किया जायेगा. हम कुत्तों के आतंक से निबटने को लेकर इंतजाम करने का प्रयास करेंगे.
फंड की कोई समस्या नहीं : अध्यक्ष
नगर पर्षद के अध्यक्ष प्रकाश राम ने कहा कि आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने को लेकर नगर पर्षद के पास कोई व्यवस्था नहीं है. यह कार्य विभाग को देखना है, फंड की कोई समस्या नहीं है. अगर संसाधन जुटाने के लिए फंड चाहिए तो हम देने को तैयार हैं.