विशिष्ट अतिथि सिद्धनाथ पांडेय ने कहा कि ब्राह्मणोचित संस्कार को आत्मसात करने की आवश्यकता है. शारदा पांडेय ने कहा कि प्राचीनतम संस्कार को छोड़ ने से समाज में अनुशासनहीनता आ रही है.
बैठक में उपनयन संस्कार व सामूहिक विवाह मंडप का आयोजन करने, अक्षय तृतिया को भगवान परशुराम जयंती मनाने व प्रतिभा सम्मान समारोह आयाेजित कर विद्यार्थियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया. वक्ताओं ने कहा कि आपसी विवादों सुलझाने के लिए समाज द्वारा शिविर लगाया जायेगा. गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अभियान चलाकर सहयोग किया जायेगा. इस अवसर पर महेंद्र पांडेय, विद्या भूषण पांडेय, बालमुकुंद पांडेय, संजय पांडेय, उमेश पांडेय, सोनू पांडेय, जय कुमार तिवारी, मदन पांडेय, महेंद्र पांडेय, संजय प्रियदर्शी, विकास पांडेय, सरयू पांडेय, भैरव पांडेय, उपेंद्र पांडेय, राजेश्वर तिवारी, विनय शंकर वैध, नितेश मिश्रा, बालेश्वर पांडे, कार्यानंद पांडेय, मंटू शांडिल्य,अमरेंद्र पांडेय, गौरव पांडेय, मिथिलेश पांडेय, आनंदी पांडेय, श्याम सुंदर पांडेय, सुरेश पांडेय, कृष्ण मुरारी पांडेय, गुड्डू पांडेय, वैद्यनाथ पांडेय, दशरथ पांडेय, मधुसूदन पांडेय, प्रमोद कुमार झा, नीरज कुमार मिश्रा, कृष्णवल्लभ पांडेय, निरंजन कुमार मिश्रा, अजय पांडेय, वसंत पांडेय, मनोज पांडेय आदि मौजूद थे.