प्रतिनिधि, तोरपा
दो मार्च 1946 के शहीदों को रविवार को श्रद्धांजलि दी गयी. तोरपा प्रखंड के तपकारा स्थित शहीद स्थल पर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि देने के बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. सभा को झारखंड आंदोलनकारी सुबोध पूर्ति ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दो मार्च 1946 को संविधान सभा के चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस और आदिवासी महासभा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी थी. यह झड़प खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया. शनिवार का दिन था, तपकारा में साप्ताहिक हाट लगा था. कांग्रेस के लोगों ने निहत्थे भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में मौके पर ही पांच लोग मारे गए व दर्जनों घायल हो गए. श्री पूर्ति ने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ जाने नहीं दिया जायेगा. वर्त्तमान युवा पीढ़ी शहीदों के आदर्शों पर चलकर ही अपने हक की लड़ाई को लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं. श्रद्धांजलि देने वालों में बीके गुड़िया, जॉन जुरसेन गुड़िया, खैरी कोनगाडी, मसीह दास गुड़िया, आशीष गुड़िया, जोसेफ बोदरा, राम जीबोल कंडुलना आदि शामिल थे.ये हुए थे शहीद :
इस गोलीकांड की घटना में सुखराम कोनगाड़ी (उड़ीकेल), जोहन संगा (गोडंरा), संतोष तोपनो (दियांकेल), मनसुख मुंडू (मुरहू), जोहन तिड़ू (सरिदकेल) शहीद हुए थे.घायलों में डोडे गुड़िया, दुंदी गुड़िया, डेविड गुड़िया, पीजूल मतियस गुड़िया (सभी भंडार टोली) ख्रिस्तोचित गुड़िया (बरदा), लिटा गुड़िया (भंडार टोला), जोहन (पिन्डींग), सिरिल कंडुलना (अम्बाटोली) आदि शामिल थे.झारखंड शहीद समिति का गठन :
सभा के बाद मौके पर झारखंड शहीद समिति का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष सुबोध पूर्ति, उपाध्यक्ष रामजीबोल कंडुलना, सचिव जोन जुरसेन गुड़िया, सहसचिव मसीहदास गुड़िया, कोषाध्यक्ष उर्मिला गुड़िया बनाये गये. इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में राजा हाबिल गुड़िया, रवीन्द्र गुड़िया, जीवन हेमरोम, सुशील गुड़िया, सामुएल गुड़िया, हेरन गुड़िया, सुगड़ गुड़िया, जोसेफ बोदरा का चुनाव किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है