जरियागढ़ में सरना जागृति विकास मंच की ओर से सरहुल मिलन समारोह
प्रतिनिधि, खूंटीजरियागढ़ में मंगलवार को सरना जागृति विकास मंच की ओर से सरहुल मिलन समारोह किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत आशाढ़ी पूजा स्थान में बिरसा पहान की पूजा से हुई. मुख्य अतिथि जरियागढ़ के ठाकुर जयेंद्र नाथ शाहदेव ने कहा कि प्रकृति से संबंधित पर्व के कारण ही आज हम और हमारी प्रकृति बची हुई है. उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ का ही दुष्परिणाम है कि ग्लोबल वाॅर्मिंग का खतरा पूरी दुनिया में बढ़ गयी है. ऐसी विकट परिस्थिति में सरहुल पर्व पूरी दुनिया के लोगों को एक नया जीवन दे सकता है. विशिष्ट अतिथि रांची विवि के प्राध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार महतो ने कहा कि सरहुल केवल पर्व नहीं बल्कि झारखंड की गौरवशाली प्राकृतिक धरोहर है. यही धरोहर मानव-सभ्यता, संस्कृति व पर्यावरण की रीढ़ भी है. डॉ महतो ने कहा कि प्राकृतिक संतुलन को बिगड़ने से बचाने के लिए अपने पूर्वजों की संस्कृति को आत्मसात कर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेना होगा. कार्यक्रम में लाल प्रवेंद्र नाथ शाहदेव, लाल आशुतेंद्र शाहदेव, जयमंगल मुंडा, सनिका मुंडा, लक्ष्मी नारायण बड़ाइक, भीमसेन लोहरा, गुरुवा हेरेंज, जुरा पहान, बिरसा पहान, सुशीला पहनाइन व बुधन होरो ने भी प्रकृति पर्व सरहुल की प्राकृतिक महत्त्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम को सफल बनाने में हरेंद्र लोहरा, राना पहान, नोका पहान, सुखराम होरो, बूटना पहान, श्याम होरो, रामदयाल होरो, रामा साहू, बंधना मुंडा, प्रमिला होरो, प्रियंका होरो, संतोषी होरो, किरण होरो, एतवारी होरो, शनियारो होरो, मंजू आइंद, सुनीता मुंडाइन, रोशनी होरो, करीना का योगदान रहा.
सरहुल मिलन समारोह :
कर्रा के डुमरगड़ी और जरियागढ़ पंचायत में मंगलवार को सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में आदिवासी पारंपारिक वेषभूषा के साथ शामिल हुए. इस अवसर पर शोभायात्रा निकाली गयी. शोभायात्रा करंज टोली बस्ती से अखाड़ा होते हुए मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा चौक में पहुंचकर समाप्त हुई. मौके पर मुखिया सुनीता चोचा, मुखिया मधु तिर्की, राहुल केशरी, शंकरसन साहू सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है