अड़की.
अड़की प्रखंड के कोरवा बाजार टांड़ में रविवार को अड़की, तमाड़ और कुचाई प्रखंड के वन क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक में ग्रामीणों ने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण और अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद किया. ग्रामीणों ने कहा जिला प्रशासन के अनुसार झारखंड सरकार की कंपनी झारखंड एक्सप्लोरेशन और माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेइएमसीएल) ने करकरी नदी के किनारे स्थित कई गांवों में सोने के बड़े भंडार का दावा किया है. इस संदर्भ में 21 अगस्त को प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश महतो की अध्यक्षता में प्रखंड सभागार में बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रखंड के प्रमुख, मुखिया, उप‑मुखिया और वार्ड सदस्य शामिल थे. बैठक में स्वर्ण अन्वेषण का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय ग्राम सभा लेगी. इसे लेकर 23 नवंबर को हुड़ुवा बाजार टांड़ में भी बैठक की गयी थी. जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि जेइएमसीएल के प्रतिनिधि लगातार चिह्नित गांवों और जंगलों में घूम‑घूम कर खनन संबंधी नमूने एकत्र कर ले जा रहे हैं. इस पर ग्रामीणों ने भारी रोष व्यक्त किया. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि प्रस्तावित खनन कार्य से बड़े पैमाने पर विस्थापन, जलवायु प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि पांचवीं अनुसूची और खूंटकटी क्षेत्र के तहत आने वाले इस क्षेत्र में किसी भी हाल में सोने की खुदाई नहीं होने दी जायेगी. मौके पर सोमा मुंडा, अलेक्जेंडर मुंडा, प्रो श्रवण मुंडा, शीदाम मुंडा, चैतन मुंडा, गरम लोहरा, माइकल मुंडा, लौंडा मुंडा, रोता मुंडा, राजेंद्र लोहरा सहित अन्य उपस्थित थे.जल, जंगल और जमीन के संरक्षण का सप्ल्प लियाB
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