तोरपा. आइआइटी दिल्ली के 19 पीएचडी शोधार्थियों का दल सोमवार को तोरपा प्रखंड के गुफु गांव पहुंचा. इस दल ने गांव के लोगों द्वारा जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए अपनाये कार्यों का गहन अध्ययन किया. गांव में “रिज टू वैली” दृष्टिकोण पर आधारित संरचनाएं जैसे कि स्टैगर्ड ट्रेंच, गली प्लगिंग, आम का बागान तथा सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई सिस्टम को शोधार्थियों ने करीब से देखा. ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि इन प्रयासों से न केवल भूमि और जल का संरक्षण हो रहा है, बल्कि आजीविका के नये रास्ते भी खुल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में प्रदान संस्था का विशेष योगदान रहा है. संस्था की मदद से ग्रामीणों ने योजनाबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार की और विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर संसाधन जुटाये. इस दौरान शोधार्थियों ने जेंडर जस्टिस सेंटर के सदस्यों से भी बातचीत की. उन्होंने जाना कि किस तरह यह केंद्र गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने, न्याय दिलाने और संस्थागत साझेदारी व सामुदायिक स्तर पर जुड़ाव के माध्यम से कार्य कर रहा है. आइआइटी दिल्ली के शोधार्थियों ने ग्रामीणों की सोच और पहल की सराहना करते हुए कहा कि गुफू गांव जलवायु अनुकूल विकास का एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है. इस अवसर पर प्रदान संस्था से रविरंजन, राजू, मोना, सुरभि, आदित्य और अजय सहित ग्रामीण व महिला मंडल के सदस्य उपस्थित थे.
जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए अपनाये कार्यों का अध्ययन किया
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