प्रतिनिधि, तोरपा.
प्रखंड के कोचा गांव में शुक्रवार को बहुस्तरीय फसल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम ने दौरा किया. आरसीइआर, पलांडू के वैज्ञानिक महेश कुमार धाकर सहित प्रदान की रांची व तोरपा की एक टीम ने कोचा गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक की. इसका उद्देश्य बहुस्तरीय फसल मॉडल के लिए उपयुक्त स्थल का चयन करना और इसके ले-आउट की योजना बनाना था. कृषि विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने किसानों को इस प्रणाली के लाभों और इसे अपनाने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया. ग्रामीणों को बताया गया कि बहुस्तरीय फसल प्रणाली उनकी कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ खाद्य, चारे, ईंधन की लकड़ी और उसकी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकती है. पूर्वी पठार और पहाड़ी क्षेत्र की वर्षा आधारित कृषि भूमि में किसान अनाज की फसलें उगाते हैं. लेकिन यह उनकी अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. बहुस्तरीय फसल प्रणाली में अनाज के साथ फलदार पेड़, लकड़ी देनेवाले पेड़ और चारे की फसलें शामिल की जाती हैं. जिससे खेती अधिक विविध और टिकाऊ बनती है. उन्होंने बताया कि यह पहल किसानों की उत्पादकता बढ़ाने, उनकी आय में वृद्धि करने और क्षेत्र में दीर्घकालिक कृषि स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है. मौके पर प्रदान के आदित्य, सुरभि आदि उपस्थित थे.वैज्ञानिकों व कृषि विशेषज्ञों की टीम ने कोचा का किया दौराडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

