खलारी : भैयादूज के मौके पर खलारी में कई जगह गोधन कूटा गया. भाई-बहन के प्रेम की इस अनोखी परंपरा में बहनों ने सुबह उठते ही रगैंनी का कांटा अपने जीभ में चुभोया और अपने भाइयों को जी भर के कोसा. गोबर से चौकोर आकृति में यम-यमी व सांप-बिच्छु की आकृति बनायी गयी.
बहनों ने पहले इसकी पूजा की, फिर चना, नारियल ईंट व जीभ में चुभोये गयेकांटे को रखकर डंडे से कूटा. इस दौरान गीत भी गाया गया. भाइयों को तिलक लगाया और कूटे गये चना, नारियल व मिठाई भाइयों को खिलाया. भाइयों ने भी बहनों को उपहार दिये.
खलारी. खलारी क्षेत्र में बहन भाई के प्रेम का त्योहार भैयादूज श्रद्धा व प्रेम से मनाया गया. इस मौके पर बहनों ने भाइयों के स्वस्थ व दीर्घायु होने की कामना की.
भाइयों को बिठा कर बहनों ने उन्हें तिलक लगाया, आरती की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. भाइयों ने परंपरा के अनुसार बहनों को उपहार दिया. पौराणिक कथा के अनुसार यह पर्व यमराज और उनकी बहन यमी की कहानी पर आधारित है. परंपरा के अनुसार कई भाई-बहनों के घर जाकर स्नान व भोजन किये और वहीं भाई दूज का त्योहार मनाया.