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जल संकट गहराने लगा
बुंडू : अप्रैल माह के शुरू होते ही गरमी से अनुमंडलीय क्षेत्र में नदी, तालाब, सोतिया, कुएं एवं अन्य जलाशय सूखने लगे हैं. क्षेत्र की प्रमुख नदियां कांची, राढ़ू, करकरी, रायसा आदि सूखने के कगार पर हैं. जिस कारण लोगों को स्नान करने, जानवरों को धोने में कठिनाई हो रही है. नदी किनारे के कई […]
बुंडू : अप्रैल माह के शुरू होते ही गरमी से अनुमंडलीय क्षेत्र में नदी, तालाब, सोतिया, कुएं एवं अन्य जलाशय सूखने लगे हैं. क्षेत्र की प्रमुख नदियां कांची, राढ़ू, करकरी, रायसा आदि सूखने के कगार पर हैं. जिस कारण लोगों को स्नान करने, जानवरों को धोने में कठिनाई हो रही है.
नदी किनारे के कई गांवों में लोग जेसीबी से खुदाई कर नहाने एवं जानवरों को धोने में पानी का उपयोग कर रहे हैंं. तालाब लगभग सूख गये हैं. कांची नदी से बुंडू नगर क्षेत्र में नियमित रूप से होनेवाली जलापूर्ति भी प्रभावित हो रही है. पीएचडी विभाग द्वारा जलापूर्ति के बनाये गये कूएं का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है. स्थानीय नागरिकों का कहना है शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 60 फीसदी चापानल बेकार पड़़ा हुआ है. नागरिकों ने सरकार से खराब चापानलों को शीघ्रातिशीघ्र मरम्मत करने की मांग की है.
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