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बंद खदान से निकल रहा है धुआं
कोयला फेस के हवा के संपर्क में आने से लगी आग खलारी : विश्रमपुर जेहलीटांड़ में मंगलवार की उस वक्त अफरा-तफरी मच गया, जब सीसीएल एनके एरिया की बंद पड़ी न्यू जेहलीटांड़ भूमिगत खदान के मुहाने से अचानक धुआं निकलने लगा. केडीएच खदान के विस्तारीकरण में यह खदान केडीएच का हिस्सा बन गयी है. सोमवार […]
कोयला फेस के हवा के संपर्क में आने से लगी आग
खलारी : विश्रमपुर जेहलीटांड़ में मंगलवार की उस वक्त अफरा-तफरी मच गया, जब सीसीएल एनके एरिया की बंद पड़ी न्यू जेहलीटांड़ भूमिगत खदान के मुहाने से अचानक धुआं निकलने लगा. केडीएच खदान के विस्तारीकरण में यह खदान केडीएच का हिस्सा बन गयी है. सोमवार की रात से ही भूमिगत खदान के मुहाने से हल्का धुआं निकल रहा था, लेकिन सुबह में काफी तेजी से धुआं निकलने लगा. आकाश काले धुएं से भर गया. आसपास रहनेवाले लोग भयभीत हो गये.
सूचना मिलने पर एनके एरिया महाप्रबंधक केके मिश्र, पीओ केडी प्रसाद सहित कई अधिकारी वहां पहुंच गये. अधिकारियों का कहना है कि बंद भूमिगत खदान में जमा पानी निकल चुका है.
खदान की खुदाई शुरू हो जाने से कोयले का फेस हवा के संपर्क में आ गया, जिससे उसमें आग लग गयी. धुआं इसी का परिणाम है. प्रबंधन खुले हुए सभी मुहाने को बंद करने के प्रयास में जुट गया है. मुहाने को ओवरबर्डन से भरा जा रहा है. प्रबंधन ने ग्रामीणों को सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है. मालूम हो कि वर्ष 1980 तक न्यू जेहलीटांड़ भूमिगत खदान को चलाया जा रहा था. खदान बंद होने के बाद भी प्रबंधन ने कई मुहानों को बंद नहीं किया था.
धधक रही हैं बंद भूमिगत खदानें
खलारी में सीसीएल की कई बंद भूमिगत खदानें हैं, जो अंदर से धधक रही हैं. जगह-जगह जमीन की दरारों से धुआं निकलते रहता है. खदान के जिस हिस्से का कोयला पूरी तरह जल जाता है, वहां की जमीन धंस जाती है. जिन इलाकों में जमीन से धुआं निकलते रहता है, उनमें जेहलीटांड़, करकट्टा, नौ नंबर आदि शामिल हैं.
विस्थापन के बाद खदान बढ़ाने की मांग
विश्रमपुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य रतिया गंझू व कांग्रेस नेता तनवीर आलम ने जेहलीटांड़ व जामुनदोहर के ग्रामीणों को विस्थापित करने के बाद ही प्रबंधन केडीएच खदान को आगे बढ़ाने की मांग की है. मालूम हो कि बस्ती से मात्र पचास मीटर की दूरी पर खदान चलाया जा रहा है.
खलारी : कुटकी के ग्रामीणों ने नौकरी की मांग को लेकर पुरनाडीह परियोजना की क्वायरी वन व टू का काम बंद करा दिया. उनका कहना था कि सीसीएल प्रबंधन ने खेतिहर जमीन ले ली है, लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं दिया. नौकरी पाने की सूची में 156 ग्रामीणों के नाम है. पूर्व में भी ग्रामीणों ने नौकरी मुआवजा की मांग को लेकर खदान बंद कराया था. तब 31 मार्च तक सभी को ज्वाइनिंग लेटर देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक नौकरी नहीं मिलेगी, तब तक खदान नहीं चलने देंगे. उत्पादन व डिस्पैच भी नहीं होने दिया जायेगा. समाचार लिखे जाने तक परियोजना काम ठप था.
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