प्रतिनिधि, खूंटी.
गर्मी के अंत और बारिश की शुरुआत होते ही अक्सर सर्पदंश की शिकायत मिलती है. ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग सर्पदंश के शिकार होते हैं. समय पर इलाज नहीं मिलने तथा झाड़ फूंक के कारण कई लोगों की जान भी चली जाती है. हाल के दिनों में बड़ी संख्या में सर्पदंश के मामले सामने आये हैं. सदर अस्पताल में मई, जून व जुलाई में सर्पदंश के कुल 16 मामले सामने आ चुके हैं. अस्पताल आये लगभग सभी व्यक्ति की जान बच गयी है. सदर अस्पताल में सर्पदंश के इलाज के लिए पर्याप्त एंटी वेनम दवा उपलब्ध है. तोरपा प्रखंड में सर्पदंश के कुल छह मामले आये थे. रनिया सीएचसी में में जून और जुलाई में दो व्यक्ति सीएचसी पहुंचे थे. समय पर पहुंचने पर उनकी जान बच गयी. रनिया सीएचसी प्रभारी डॉ आलोक बाड़ा ने बताया कि सीएचसी में एंटी वेनम वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने लोगों को सर्वप्रथम की शिकायत होने पर तत्काल अस्पताल में जाने की सलाह दी है. कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि किसी को सर्पदंश की शिकायत पर लोग झाड़ फूंक करने लगते हैं. जिसके कारण इलाज में देर हो जाती है और जहर पूरे शरीर फैल जाता है. जिससे पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है. रनिया के कोटांगेर गांव में सर्पदंश से दिलीप सिंह नामक युवक की मौत हो गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

