नारायणपुर. प्रखंड के घाटी बड़बहाल यज्ञ मैदान में चल रहे पांच दिवसीय राम कथा शुक्रवार देर रात राम विवाह प्रसंग व आकर्षक झांकी प्रस्तुति से संपन्न हुआ. राम कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गये. कांशी से पधारे कथावाचक आचार्य कन्हैया द्विवेदी महाराज ने श्रीराम-सीता के विवाह का संगीतमय कथा सुनाया. बोले कि मिथिला धाम मिथिला में रहते हुए भी दूसरे धाम पर आश्रित नहीं होना चाहिए, क्योंकि गोस्वामी जी ने चौपाई के माध्यम से मिथिला का वर्णन बड़े सुंदर चौपाई से दर्शाए हैं. मिथिलावासियों के लिए कहा है कि यहां के सभी नर नारी सुंदर, सुशील और धर्मात्मा हैं. इसलिए इसे भक्ति की भूमि भी कहा गया है. इसलिए भगवान इस धरती पर चलकर आए और इस मिथिला के पाहुन बने, जिनका विवाह लोक रीति, वेद रीति, कूल रीति तीन रीतियों से किया गया. कथावाचक टीम के कलाकारों ने क्षेत्रीय संगीत की धुन पर आज मिथिला नगरिया निहाल सखियां… रामजी से पूछे जनकपुर की नारी बताओ बबुआ लोगवा देत काहे गारी…, इसके बाद सियाराम जी होली खेलते हुए होली के भजन आज अवध में होली रे रसिया…, होली खेले रघुवीरा अवध में…,आदि होली गीत सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया. पांच दिवसीय शिवप्राण सह हनुमंत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ शनिवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया. यज्ञ स्थल पर हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया. भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया. वहीं यज्ञाचार्य धीरज कांत मिश्र ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होता है. व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है. व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है. दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं. यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं. मौके पर समिति के संरक्षक सत्यनारायण तिवारी, अशोक ओझा, देवेंद्रनाथ तिवारी, व्यवस्था प्रमुख गौतम ओझा, कन्हैया ओझा, अध्यक्ष गुड्डू तिवारी, धनंजय ओझा, राहुल ओझा, बसंत रजक आदि मौजूद थे.
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