मिहिजाम. साइबर अपराध के खिलाफ प्रभात खबर का जन आंदोलन कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं के लिए मिहिजाम नगर के कुर्मीपाडा स्थित वाॅयस फाउंडेशन में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मिहिजाम थाना प्रभारी विवेकानंद दुबे, बदलाव फाउंडेशन की आशा राठौर, ब्रिलिएंट एकाडमी के निदेशक कृष्णकांत द्विवेदी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र वाॅयस फाउंडेशन के संचालक अभय शर्मा ने भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सतर्कता से ही अपराध का शिकार होने से बचा जा सकता है. अक्सर लोग जल्दी धन कमाने की लालच में साइबर ठगी का शिकार होकर अपनी जमा पूंजी भी गंवा बैठते हैं. कहा कि वर्तमान समय टेक्नोलॉजी से लैस है. साइबर अपराधी काफी पढ़े-लिखे लोग नहीं हैं, लेकिन हमारी नासमझी का फायदा उठाकर ठगने का काम कर रहे हैं. लोग भले ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे है, लेकिन इसका उपयोग करने की सारी जानकारी नहीं पता है. इसका फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं. अनजान व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर नही दें. साइबर ठगी का शिकार होने पर बैंक व पुलिस को तत्काल अवगत करावें. अनजान व्यक्तियों को अपना फोन नंबर व पर्सनल जानकारी उपलब्ध नहीं कराना चाहिए. प्रतिदिन साइबर अपराधी शिकार करने के नये-नये तरीके अपना रहे हैं. कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी साइबर अपराध की घटनाओं पर सवाल किया. अनजान लिंक को किसी लालच में आकर क्लिक नहीं करें : थाना प्रभारी थाना प्रभारी विवेकानंद दुबे ने कहा कि पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में साइबर अपराध को समाप्त करने के लिए काफी तेजी से काम किया जा रहा है. साइबर अपराध को रोकने में पुलिस के साथ नगारिकों की भी विशेष भूमिका है. जामताड़ा जिला साइबर अपराध की टाॅप टेन की सूची से बाहर आ गया है. साइबर अपराधियों को जेल भेजा जा रहा है. अब उन्हें आसानी से जमानत नहीं मिलती है. कहा कि अनजान लिंक को किसी लालच में आकर क्लिक नहीं करें. लाॅटरी लगने का झांसा देकर आपकी गाढी कमाई को ठगने का काम अपराधी करते हैं, इससे बचें. डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाएं भी देश के कई हिस्से में हुई है. इस पर जल्दबाजी में नुकसान करने की बजाय पुलिस को इसकी जानकारी देें. 1930 नम्बर डायल कर साइबर अपराध संबंधी घटना की जानकारी देकर अपनी समस्याओं को बताया जा सकता है. कहा कि बैंक एकाउंट से पैसे की ठगी होने पर अविलंब अपने बैंक को इसकी सूचना देकर अपना एकाउंट फ्रिज कराना उचित है. इसकी सूचना पुलिस को भी दें. मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल आदि द्वारा भी ठगी की घटना होती है. इस संबंध में किसी तरह के भुगतान से पहले संबंधित संस्थान से जाकर जानकारी प्राप्त करें. गूगल पर अगर एक ही विषय पर अलग-अलग सर्च इंजन सामने आते हैं, तो केवल ऑफिशियल सर्च इंजन पर ही क्लिक करना सुरक्षित रहेगा. पैसे की फ्रॉड निकासी होने पर तत्काल एटीएम बंद करा दें : कृष्णकांत कृष्णकांत द्विवेदी ने कहा कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने पर स्वयं भी इसके प्रति स्मार्ट बनना पड़ेगा. अनजान नंबरों पर बात करने से बचें. लोग अपने मोबाइल पर कई प्रकार के एप बिना पूरी जानकारी के डाउनलोड कर लेते हैं. कई ऐसे एप हैं, जिसे डाउनलोड करने से आपकी एक्टिविटी दूसरे को मालूम हो जाती है. गूगल के पास आपकी पूरी जानकारी रहती है. यह दूसरे के पास भी जा सकता है. डेट ऑफ बर्थ संबंधी सूचना अपरिचित को शेयर करने से भी आपकी जानकारी हैक हो सकती है. पैसे की फ्रॉड निकासी होने पर तत्काल एटीएम बंद करा कर बैंक व पुलिस को सूचना देनी चाहिए. पुलिस के पास अपनी समस्या अवश्य रखें. फर्जी ई-मेल से बचने की आवश्यकता है. कम्प्यूटर में एंटी वायरस अवश्य रखें तथा पासवर्ड मजबूत रखें. अक्सर लोग लालच में आकर लाॅटरी के लकी ड्रॉ के चक्कर में फंस जाते हैं. मुफ्त में कुछ नहीं मिलता है, कोई व्यक्ति मुफ्त में क्यों आपको लाॅटरी के पैसे देगा? सावधानी से स्मार्टफोन का इस्तेमाल होना चाहिए : आशा राठौर आशा राठौर ने कहा कि बालिकाओं के साथ फोन पर अश्लील मैसेज भेजने व मानसिक प्रताड़ना की घटनाएं सामने आती है. ऐसे मामले में बालिकाओं व महिलाओंं को पुलिस की मदद लेने की आवश्यकता है. चुप रहने से आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है. सावधानी बरतने की आवश्यकता है. स्मार्टफोन के साथ सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव देखा जा रहा है. कुछ लोग गलत लाभ उठाकर बालिकाओं व महिलाओं को परेशान भी करते हैं. ऐसे में सावधानी से स्मार्टफोन का इस्तेमाल होना चाहिए. बेहद जरूरी अपनी आंतरिक बातें स्मार्टफोन द्वारा किसी को शेयर नहीं करें. गूगल में वेबसाइट को पहचानने की आवश्यकता है : अभय शर्मा अभय शर्मा ने कहा कि पर्सनल एकाउंट डेटा, डेट ऑफ बर्थ, ई-मेल आदि की जानकारी आपकी अनुमति के बिना दूसरे के द्वारा उपयोग में लाना साइबर अपराध है. फेसबुक एकाउंट में जो फोटो आपने लगाया है, उसमें प्राइेवेसी सेट नहीं करने पर कोई आपके फोटो को निजी लाभ के लिए प्रयोग कर सकता है. वाट्सअप के फोटो व फोन नंबर पर प्राइवेसी सेट नहीं होने से आपका डेट कलेक्ट कर शेयर हो सकता है. पर्सनल डिटेल, बैंक एकाउंट डिटेल, अनजान व्यक्ति या स्थान पर शेयर नहीं करें. डिजिटल या फिजिकल फाॅर्म में इसकी सूचना बिना पड़ताल किये नहीं देना चाहिए. ग्रामीण इलाके में लोगों के पैन कार्ड, आधार कार्ड का डिटेल जमा कर इसका दुरुपयोग की घटना भी हो रही है. गूगल में सही और फेक वेबसाइट दोनों प्रकार के वेबसाइट हैं. इस तरह की वेबसाइट में पहचानने की आवश्यकता है.
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