सेविका-सहायिकाओं ने समाहरणालय के समक्ष दिया धरना, कहा
संवाददाता, जामताड़ा. झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन के बैनर तले सेविका- सहायिकाओं ने गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. इसमें यूनियन के राज्य कोषाध्यक्ष लखन लाल मंडल, सीआइटीयू के चंडीदास पुरी, मोहन मंडल आदि शामिल हुए. मौके पर चंडीदास पुरी ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाएं कम मानदेय भोगी सरकारी सेवक हैं, जिन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय दिया जा रहा है. दिन व दिन सरकार उन पर कार्यों का बोझ डालते जा रही है. राज्य सरकार के मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार के पत्र के आलोक में आदेश निर्गत किया गया है कि विभागीय काम के अलावा सेविका-सहायिकाओं से अन्य काम नहीं लिया जाय. फिर भी बीएलओ एवं सर्वे आदि काम में सेविका-सहायिकाओं को लगाया जा रहा है. वहीं लखन लाल मंडल ने कहा कि अभी तो आंदोलन की शुरुआत है. अगर सरकार मांगों पर विचार नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में जनप्रतिनिधियों के आवासों का घेराव किया जायेगा. धरना-प्रदर्शन के बाद केंद्रीय बाल विकास मंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया. मौके पर सावित्री देवी, खुरतेजा बीबी, सीमोती मरांडी, सुमित्रा सोरेन, भारती मुर्मू ,ललित हांसदा, मेनका देवी, कुसुम मरांडी, फूलमती मरांडी, शकीला खातून, अमीना खातून, जिया मुनि मरांडी, पूर्णिमा हेम्ब्रम, इंदू देवी, सोनमनी देवी, जिया मुनि मरांडी आदि मौजूद थीं.
क्या है मांग : आंगनबाड़ी केंद्र में अनिवार्य एफआरएस को वापस लिया जाए, आधार लिंक के बहाने पोषाहार बंद नहीं होना चाहिए, विभागीय काम के अलावा अन्य कार्यों से मुक्त रखा जाए, सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए, सेविका को ग्रेड तीन व सहायिकाओं को ग्रेड चार में प्रोन्नत किया जाय. नहीं होने तक न्यूनतम 26000 रुपये मानदेय व 10000 रुपये पेंशन प्रतिमाह दी जाय, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिकाओं का मानदेय भुगतान नियमित रूप से हर माह किया जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधा, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था की जाए, राज्य सरकार के आदेश के आलोक में उन्हें बीएलओ तथा सर्वे आदि के काम से मुक्त रखा जाय आदि मांग शामिल है.
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