18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भगवान को जाति के आधार पर नहीं देखना चाहिए : शालिनी त्रिपाठी

नौ दिवसीय श्री राम कथा के पांचवें दिन कथावाचिका शालिनी त्रिपाठी ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई.

नारायणपुर. प्रखंड के दक्षिणीडीह मारुति नंदन महायज्ञ के उपलक्ष में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के पांचवें दिन कथावाचिका शालिनी त्रिपाठी ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई. भगवान राम व माता सीता के विवाह का वर्णन किया. स्वयंवर की कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए. कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा था. उनके विशालकाय धनुष को कोई भी उठाने की क्षमता नहीं रखता था. एक दिन सीता ने घर की सफाई करते समय धनुष को उठाकर दूसरी जगह रखा. इसे देखकर जनक आश्चर्य चकित हुए, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था. राजा ने प्रतिज्ञा कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का स्वयंवर होगा. स्वयंवर की निर्धारित तिथि पर सभी देश के राजा और महाराजाओं को आमंत्रित किया गया. धनुष को उठाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया. श्रीराम बारात का अलौकिक वर्णन करते हुए शशिधर शरण महाराज ने कहा कि भगवान और महापुरुषों को जाति के आधार पर नहीं देखना चाहिए. महापुरुष राष्ट्र और समाज के धरोहर है. उनकी जाति का अपने स्वार्थ की राजनीति व लाभ उठाना पाप के समान है. कहा कि श्रीराम और महर्षि परशुराम दोनों ही महापुरुष है. महापुरुष देश और समाज के हैं, उनका जीवन सभी के लिए कल्याणकारी है. कहा कि इतने बड़े धनुष को भंग करने के बाद भी भगवान राम कहते हैं. आपकी कृपा से आपके बल से ही वह धनुष किसी आपके सेवक ने ही तोड़ा होगा. जब भी जीवन में किसी बड़ी उपलब्धि पर मन में गर्व आए तो श्रीराम की विनम्रता को याद कर लेना. श्री राम और श्री कृष्ण दोनों में मात्र इतना अंतर है कि जहां श्री कृष्ण अपने प्रभाव से जाने जाते हैं, वहीं श्रीराम अपने सरल शील स्वभाव से जाने जाते हैं. उन्होंने समाज में मर्यादाएं कायम की. राम का चरित्र हमारे लिए एक आचार संहिता के समान ही है जिसके सुनने से हमारा उत्थान और उन्नयन होता है. उन्होंने कहा कि बेटी को खूब पढ़ाइए और उसे अच्छे संस्कार दीजिए. एक बेटी दो परिवारों को संस्कारित और एकजुट करती है. महाराज ने कहा कि श्रीराम जानकी के साथ-साथ महाराज दशरथ के आग्रह पर राजा जनक अपनी तीन अन्य बेटियों को भी इसी मंडप में ब्याह दिया. जनक ने मांडवी को भरत के साथ, उर्मिला को लक्ष्मण के साथ, सुकीर्ति को शत्रुघ्न के साथ विवाह बंधन में बांधा. कथा में श्रोताओं की भारी भीड़ मिल रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel