विद्यासागर. करमाटांड़ के सरस्वती विद्या मंदिर विद्यासागर में अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव बलराम मंडल, संरक्षक विजय वैद, पूर्व कोषाध्यक्ष सुनील शाह, प्रधानाचार्य कृष्णकांत दुबे, प्रभारी प्रधानाचार्य उत्तम कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से समारोह का उद्घाटन किया. कक्षा प्रथम से पंचम तक के छात्र-छात्रों ने अपने-अपने दादा-दादी एवं नाना-नानी का थाली-लोटा से चरण पूजन किया और आरती उतारी. सभी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. प्रधानाचार्य कृष्णकांत दुबे ने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए. उनकी वीरता, धर्म निष्ठा सुशासन को दर्शाता है. अपने बेटे को सजा का आदेश दी थी. वह सादगी और धार्मिक निष्ठा एवं नारी शक्ति की प्रतीक थी. वह अपने कार्यों से महान बनीं. बच्चों के लिए दादा-दादी, नाना-नानी एक वट वृक्ष के समान होते हैं. समाज में हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए. मौके प्रभारी प्रधानाचार्य उत्तम कुमार सिंह, आचार्य आदित्य ओझा, अनुज मिश्रा, सुनील दास, बाबूलाल दास, प्रवीण सिंह, सुधा साह, सिमरन रेखा एवं मिठू प्रिया सहित दादा-दादी व अभिभावक उपस्थित थे.
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