साकची बोधि मैदान में चतुर्थ बाल मेला का भव्य उद्घाटन
Jamshedpur News :
साकची बोधि मैदान में सुवर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और नेचर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार से आयोजित चतुर्थ बाल मेले का उद्घाटन वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया. उन्होंने कहा कि अगले बजट में बच्चों के सर्वांगीण विकास को मुख्य फोकस रखा जायेगा. इसलिए बजट बढ़ाकर 18,000 करोड़ रुपये करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि बचपन के मायने को समझना जरूरी है. इस मेले के पीछे एक मकसद है, वह मकसद भी पूरा होगा. वह मानते हैं कि जिस समाज का बचपन भूखा हो, कमजोर हो, उसकी जवानी भी कमजोर होगी. वित्तमंत्री ने कहा कि झारखंड में बाल बजट की वार्षिक व्यवस्था है. जिसमें सरकार नौ हजार करोड़ की राशि बच्चों के लिए खर्च करती है. यह राज्य सरकार की सोच का ही परिणाम है कि बच्चों के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की गयी है. आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर दोगुना करने की कोशिश करेंगे. मेले के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि आयोजन में शामिल होकर वे अपने बचपन काल में लौट आये हैं. ऐसा उन्हें इसलिए भी महसूस हो रहा है कि शुरुआत के पांच साल वे जमशेदपुर में रहे, यहीं उनका बालपन गुजरा है. वह इसे दूसरा पैतृक शहर मानते हैं. राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि एनएचआरएम का आंकड़ा कहता है कि झारखंड में शून्य से पांच साल के जो बच्चे हैं वो 40 से 59 प्रतिशत तक कुपोषण के शिकार हैं. इसके साथ ही 35 से 59 साल की महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं. श्री किशोर ने कहा कि विधायक सरयू राय सदन में बार-बार इस मुद्दे को रखते थे, वह भी मानते हैं कि बच्चा स्वस्थ होगा, तो झारखंड के अंदर उसकी निर्मलता, पवित्रता दिख जायेगी.उन्होंने कहा कि समाज का भविष्य तभी मजबूत होगा, जब उसका बचपन मजबूत होगा. मंत्री ने बताया कि राज्य में बाल-बजट की व्यवस्था पहले से है और सरकार आने वाले वर्षों में इसे दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है.सीएसआर फंड बच्चों पर खर्च हो, बैंकों को तलब करेंगे
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि कई बैंकों को यह पता तक नहीं कि उनके पास सीएसआर फंड कितना है. उन्होंने बताया कि सीएसआर राशि का इस्तेमाल थानों में सीलिंग फैन, एलईडी और वाटर प्यूरीफायर लगाने में किया जा रहा है, जबकि यह फंड बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिए. उन्होंने घोषणा की कि रांची लौटते ही वे सभी बैंकों को बुलाकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेंगे.टाटा स्टील से उन्होंने आग्रह किया कि कंपनी जिले की एक पंचायत गोद लें और सुनिश्चित करें कि वहां कोई बच्चा कुपोषित न रहे और कोई महिला एनीमिया से पीड़ित न हो.मोबाइल से बच्चों को चुप कराना गलत : डीबी सुंदर रामम
विशिष्ट अतिथि और टाटा स्टील के वीपी (कॉर्पोरेट सर्विसेज) डीबी सुंदर रामम ने छोटे बच्चों को मोबाइल देकर चुप कराने की प्रवृत्ति को “खतरनाक आदत” बताया. उन्होंने कहा कि दो साल के बच्चे को मोबाइल नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोग पुराने कल्चर को भूलकर वेस्टर्न कल्चर को अपना रहे हैं, जो गलत है. सुंदर रामम ने कहा कि उनका बेटा 25 साल का है, जब वह ड्यूटी से देर से आता है, तो वह पूछते हैं कि कहां थे. जब उनका बेटा बताता है कि वह अनजान लोगों के साथ फुटबॉल या क्रिकेट खेलने चला गया था, तो उन्हें इस बात की खुशी होती है कि उनका बेटा कम से कम खेल तो रहा है.सरयू राय ने बाल मेला के उद्देश्य बताये
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि कोविड काल में बच्चों के मनोविज्ञान पर बुरा असर पड़ा था. इसी को ध्यान में रखते हुए 2022 से बाल मेले की शुरुआत की गयी. उन्होंने बताया कि कुपोषण से जूझ रहे कामगारों के लिए सिर्फ 5 रुपये में भोजन योजना शुरू की गयी है, जिसका रोजाना 200 लोग लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने शहर में खाली जमीनों पर होने वाले कब्जे पर चिंता जताते हुए कहा कि बच्चों के खेलने के लिए नये मैदान तलाशे जाने चाहिए.बाल मेला शहर की पहचान बन रहा है
समाजसेवी गोविंद दोदराजका ने कहा कि बाल मेला अब जमशेदपुर की पहचान बन चुका है. सिंहभूम चेंबर के अध्यक्ष मानव केडिया ने कहा कि बच्चों को घर में बंद रखने के बजाय खेल और गतिविधियों में शामिल करना जरूरी है.कार्यक्रम की शुरुआत वित्त मंत्री और डीबी सुंदर रामम ने बैलून उड़ाकर की. मेला परिसर में लगे 50 स्टॉलों का उन्होंने निरीक्षण किया. दीप प्रज्ज्वलन के बाद आयोजक मनोज कुमार सिंह ने मंच संचालन किया और अशोक गोयल ने आभार जताया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

