डीआरएम ने कहा- यह अस्थायी रोक, जल्द फिर से शुरू होगा लोकल ट्रेनों का ठहराव
Jamshedpur News :
सालगाझरी रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनों का ठहराव बंद होने के विरोध में संयुक्त ग्राम समन्वय समिति का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को चक्रधरपुर डीआरएम कार्यालय पहुंचा. मुख्य संयोजक राम सिंह मुंडा के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने डीआरएम तरुण हुरिया से मुलाकात कर विस्तृत ज्ञापन सौंपा और ठहराव बहाली की मांग रखी. ज्ञापन में समिति ने मांग की कि सालगाझरी स्टेशन पर पूर्व की भांति सभी लोकल ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाये. साथ ही स्टेशन के पास निर्माणाधीन अंडरब्रिज को जल्द पूरा कर आम जनता के लिए खोला जाये. टिकट बुकिंग काउंटर की शुरुआत, प्लेटफॉर्म का निर्माण, यात्रियों के लिए संसाधनयुक्त विश्राम शेड तथा गोविंदपुर स्टेशन तक पहुंच पथ निर्माण की भी मांग की गयी. बड़ी आबादी को राहत देने के लिए बारीगोड़ा रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज निर्माण शीघ्र शुरू करने की भी बात उठायी गयी.डीआरएम तरुण हुरिया स्वयं कार्यालय से बाहर आकर प्रतिनिधिमंडल से मिले और स्पष्ट किया कि सुरक्षा कारणों से यह ठहराव अस्थायी रूप से रोका गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित होने के बाद लोकल ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू कर दिया जायेगा.स्थानीय लोगों का कहना है कि टाटानगर-कोलकाता रेल लाइन के निर्माण के बाद से सालगाझरी स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव हमेशा से होता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस स्टेशन का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद से क्षेत्र में खुशी का माहौल था, क्योंकि हजारों दिहाड़ी मजदूर, सब्जी विक्रेता, पत्ता-दतुवन बेचने वाले और आम यात्री प्रतिदिन इस स्टेशन का उपयोग करते हैं. अचानक ठहराव बंद होने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है.डीआरएम के आश्वासन पर प्रतिनिधियों ने असंतोष भी जताया. जिला परिषद सदस्य कुसुम पूर्ति ने कहा कि जवाब संतोषजनक नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि स्टेशन उद्घाटन के महत्व को भी नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो समिति आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होगी और मामला सांसद तक उठाया जायेगा.
प्रतिनिधिमंडल में दुबराज नाग, प्रकाश सांडिल, तुलसी महतो, रुद्र मुंडा, कन्हैया पांडे, पीके करुआ, संजय सिंह, राम मुखी, गौतम सामंता, जुझार हो, नानिका हांसदा, सीकेपी के स्थानीय समाजसेवी रामलाल मुंडा, विजय मेलगांनडी शामिल थे.
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