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Jamshedpur News : जमशेदपुर आइटीओ में नहीं है कोई इग्जेम्प्शन अधिकारी, ट्रस्ट और सोसाइटी निबंधन रिन्युअल कराने में आ रही है दिक्कतें,

Jamshedpur News : अब ट्रस्ट और सोसाइटी को हर पांच साल में अपना पंजीकरण रिन्यू कराना होगा.

आयकर विभाग पटना के पास है अधिकार, कई तरह की समस्याओं से परेशान हैं जमशेदपुर के ट्रस्ट व सोसाइटी के पदाधिकारी

Jamshedpur News :

अब ट्रस्ट और सोसाइटी को हर पांच साल में अपना पंजीकरण रिन्यू कराना होगा. ऐसा आयकर विभाग की नयी व्यवस्था के तहत किया गया है, जो फर्जी संस्थाओं पर अंकुश लगाने और दानदाताओं की जानकारी को पारदर्शी बनाने के लिए है. नये नियमों के तहत, मौजूदा और नये दोनों तरह के ट्रस्ट और सोसाइटी को आयकर अधिनियम की धारा 12 ए, 80 जी और 10 (23 सी) के तहत अपने पंजीकरण को रिन्युअल कराना होगा. कोरोना के समय में सरकार ने यह प्रावधान किया था कि ट्रस्ट या सोसाइटी में एक बार निबंधन कराने वालों को फिर से इसे रिन्यू कराने की आवश्यकता नहीं होगी, यह लाइफ टाइम के लिए होगा. 2021 में एक अमेंडमेंट आया कि यदि आपका निबंधन है, तो एक ऑनलाइन आवेदन कर दें, जिसके बाद उन्हें मैन्युअल की बजाय इलेक्ट्रॉनिक जेनरेटेड नंबर मिल जायेगा. इस नंबर के जारी होने के साथ ही सरकार ने यह शर्त भी लगा दी कि हर पांच साल के बाद रिन्यू के लिए आवेदन करना होगा. 12 ए और 80 जी के मद में छूट पाने के लिए संबंधित संस्थाओं को अपने निबंधन समाप्त होने के छह माह पहले ही रिन्युअल संबंधी आवेदन करना होगा.

ऑनलाइन आवेदन-नंबर मिलने तक की प्रक्रिया में किसी तरह की दिक्कतें ट्रस्ट या सोसाइटी को नहीं हुई, लेकिन जब इसके रिन्युअल का समय आया, तो तरह-तरह की दिक्कतें सामने आने लगी हैं. जमशेदपुर की दो दर्जन से अधिक संस्थाओं के मामलों को देखने वाले अधिवक्ताओं ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि जमशेदपुर में इसका रिन्युअल करने वाले कोई अधिकारी नहीं हैं. आयकर विभाग (इग्जेम्प्शन) के जिन अधिकारी के पास इसके रिन्युअल का पावर है, उनका मुख्यालय पटना है. आवेदन के बाद पटना सर्किल से जमा किये गये संबंधित कागजातों के संबंध में पूछताछ की जा रही है.सभी पेपर ऑनलाइन जमा हो रहे हैं. ट्रस्ट-सोसाइटी अपना हर साल ऑडिट कराते हैं, अपना डाटा हर साल वे ऑनलाइन अपलोड करते हैं, जब सारा डाटा पोर्टल पर पारदर्शी तरीके से उपलब्ध है, तो ऐसी स्थिति में विभाग किस तरह की जांच-पूछताछ करना चाहता है. जांच भी यदि करनी है तो किसी स्थानीय अधिकारी को इसका पावर दिया जाना चाहिए, ताकि वे संबंधित मुद्दे-बिंदुओं पर बुलाकर जांच या पूछताछ कर सकें.

लाइसेंस नवीनीकरण आवेदन अस्वीकार होने पर एफसीआरए वैधता रद्द

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिन संस्थाओं के नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार कर दिया जायेगा, उनकी एफसीआरए वैधता उसी दिन से समाप्त मानी जायेगी. ऐसा होने पर ये एनजीओ लाइसेंस रद्द होने के बाद किसी भी प्रकार का विदेशी अंशदान या चंदा प्राप्त नहीं कर सकेंगे. लाइसेंस रिन्यू न होने की सूरत में विदेश से मिलने वाले फंड का उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा.

कानून के उल्लंघन पर मिलेगी सख्त सजा

सरकार ने यह चेतावनी भी दी है कि जिन संस्थाओं का एफसीआरए पंजीकरण रद्द हो गया है या लाइसेंस की तिथि समाप्त हो चुकी है, उनके एफसीआरए खातों में कोई भी वित्तीय लेन-देन एफसीआर कानून का उल्लंघन माना जायेगा. दोषी पाये जाने के बाद सरकार दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकती है. बता दें कि विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए एनजीओ का पंजीकरण एफसीआरए के तहत अनिवार्य होता है.

वर्जन…

आयकर विभाग को इस दिशा में ट्रस्ट व सोसाइटी के लोगों के लिए वर्कशॉप का आयोजन करना चाहिए, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. तय समय में यदि मामलों का निपटारा और रिन्युअल की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया, तो विवाद बढ़ जायेगा और निबंधन भी रद्द हो सकता है.

सीए मनीष केडियाB

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