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Jamshedpur News : सिविल सर्जन का निलंबन नाकाफी, स्वास्थ्य मंत्री और सचिव से स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए : सरयू राय

Jamshedpur News : विधायक सरयू राय ने चाईबासा ब्लड बैंक से एचआइवी संक्रमित रक्त थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाने की घटना के लिए सिविल सर्जन को निलंबित करना नाकाफी बताया है.

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना पर बिफरे विधायक

स्वास्थ्य मंत्रालय और सचिवालय को बताया जिम्मेदार

झारखंड में राष्ट्रीय रक्त नीति के प्रावधानों को लागू क्यों नहीं किया गया

23 जिलों के सदर अस्पतालों में ब्लड सेपरेशन यूनिट नहीं

Jamshedpur News :

विधायक सरयू राय ने चाईबासा ब्लड बैंक से एचआइवी संक्रमित रक्त थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाने की घटना के लिए सिविल सर्जन को निलंबित करना नाकाफी बताया है. जारी बयान में कहा कि झारखंड के सभी सरकारी ब्लड बैंक ऐसी ही अराजकता के शिकार हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग का मंत्रालय और सचिवालय जिम्मेदार है. कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से स्पष्टीकरण पूछा जाना चाहिए कि इन्होंने झारखंड में राष्ट्रीय रक्त नीति (नेशनल ब्लड पॉलिसी) के प्रावधानों को लागू क्यों नहीं किया. झारखंड सरकार के किसी भी सदर अस्पताल का ब्लड बैंक राष्ट्रीय ब्लड नीति के पैमानों पर खरा नहीं उतरता है. विधायक सरयू राय ने कहा कि राष्ट्रीय ब्लड नीति के एक अति सामान्य प्रावधान के बारे में विधानसभा में पूछे गये एक सवाल का उत्तर सरकार ने 11 मार्च 2022 को दिया था. सरकारी उत्तर से स्पष्ट है कि रक्त संग्रह के प्राथमिक शर्तों का भी सरकार पालन नहीं कर रही है. उनके सवाल के जवाब में सरकार ने सदन पटल पर जो आश्वासन मार्च 2022 में दिया था, उसका पालन आज तक नहीं हुआ, इसके साथ ही जिन अस्पतालों ने रक्त संग्रह अभियान नहीं चलाया, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य के 24 जिलों के सदर अस्पतालों में से मात्र रांची सदर अस्पताल में ही ब्लड सेपरेशन यूनिट कार्यरत है. इसके अलावा रिम्स और एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर में यह लगी हुई है. अन्य जगहों पर यह सुविधा नहीं है. जिससे संग्रहित ब्लड में से प्लेटलेट्स, आरबीसी, प्लाज्मा आदि अलग करने की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश अस्पतालों में ब्लड बैंक के लिए स्वतंत्र चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. सभी ब्लड बैंक प्रभारी चिकित्सा प्रभारी द्वारा चलाये जा रहे हैं, जो राष्ट्रीय ब्लड पॉलिसी के विरुद्ध हैं. इसकी कोई मॉनिटरिंग सचिवालय स्तर पर नहीं हो रही है. राष्ट्रीय ब्लड नीति झारखंड में लागू नहीं हुई है, तो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ही जिम्मेदार है.

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