Jamshedpur news.
दुर्गा पूजा को लेकर भी प्रदूषण बोर्ड सक्रिय है. इसे लेकर अभी से ही बोर्ड ने तैयारी की है. खास तौर पर विसर्जन के पहले और विसर्जन के दिन और विसर्जन के बाद के सुवर्णरेखा और खरकई नदी का सैंपल इकट्ठा किया जायेगा ताकि प्रदूषण लेवल की जांच की जा सके. वहीं दुर्गा पूजा की समितियों के लोगों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गयी है. दुर्गा पूजा के आयोजकों से अपील की गयी है कि वे लोग स्थानीय जिला प्रशासन और नगर निकायों के साथ मिलकर प्रदूषण मुक्त पूजा का आयोजन कर सकते हैं. इसे लेकर यह अपील की गयी है कि पूजन सामग्री का नदी में विसर्जन नहीं करके नदी के पास स्थित गड्ढ़े में विसर्जित कर दें, ताकि नदी को गंदगी से बचाया जा सके.इसके अलावा मूर्तियों का विसर्जन करने के बाद उसकी सामग्री को भी बाहर निकालने की अपील की गयी है. किसी भी हाल में पकी हुई मिट्टी, प्लास्टर और पेरिस का इस्तेमाल मूर्तियों में कम से कम हो, यह अपील की गयी है. वहीं कई सारे थर्मोकोल और अन्य तरह के घातक सामग्रियों को निकालकर ही नदी में विसर्जन करने को कहा गया है. गंदगी को लेकर भी एडवाइजरी जारी की गयी है कि वे लोग कचरा को नहीं जलायें, ताकि हवा में प्रदूषण नहीं फैल सके.प्रदूषण को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी
जानकारी देते हुए क्षेत्रीय प्रदूषण पदाधिकारी जीतेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदूषण को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की गयी है. लोगों से अपील की गयी है कि वे लोग पूजा का आयोजन भव्य तरीके से करे, लेकिन जिम्मेदार नागरिक और जिम्मेदार आयोजक के तौर पर प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद करें. उन्होंने बताया कि विसर्जन के पहले, विसर्जन के दिन और उसके बाद का पानी का सैंपल लिया जायेगा, ताकि वाटर क्वालिटी की स्थिति का आकलन किया जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

