Jamshedpur news.
टाटा स्टील ने टीआरएल क्रोसाकी के सहयोग से जमशेदपुर के अपने एलडी 2 लेडल रीलाइनिंग एरिया में मटेरियल हैंडलिंग के लिए पुन: उपयोग योग्य स्टील पैलेट का औपचारिक शुभारंभ किया, जो सतत और संसाधन-कुशल संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पहल का उद्घाटन टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशंस, चैतन्य भानु, चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर, रंजन कुमार सिन्हा और टीआरएल क्रोसाकी के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके नाइक ने किया. यह पहल एक सफल पायलट चरण के बाद शुरू की गयी है, जिसमें स्टील पैलेट का उपयोग इनबाउंड रिफ्रेक्टरी सामग्री की डिलीवरी के लिए किया गया और इसे पुन: उपयोग के लिए सप्लायर को वापस किया गया. पारंपरिक लकड़ी के पैलेट, जिनकी उम्र सीमित होती है और जो अपशिष्ट उत्पन्न करते हैं, की तुलना में स्टील पैलेट अधिक टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और लंबे समय में आर्थिक रूप से लाभकारी साबित होते हैं. यह परियोजना न केवल लकड़ी पर निर्भरता को कम करने और अपशिष्ट उत्पादन को न्यूनतम करने की दिशा में कदम है, बल्कि दोनों संगठनों के बीच सतत अभ्यासों को बढ़ावा देने में सहयोग को भी मजबूत करेगी, जो टाटा स्टील के नेट-जीरो लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है. इस अवसर पर, टाटा स्टील और टीआरएल क्रोसाकी के वरिष्ठ लीडर्स ने सप्लाई चेन में सर्कुलर सॉल्यूशंस अपनाने के महत्व पर जोर दिया.इस समारोह में दोनों संगठनों के वरिष्ठ प्रबंधन के सदस्य उपस्थित थे, जिनमें टाटा स्टील से हितेश हसमुखराय शाह (चीफ एलडी 2), हरी बाबू (चीफ एलडी 1), बृजेंद्र सिंह (चीफ रिफ्रेक्ट्रीज़), अखिलेश कुमार (चीफ बल्क कमोडिटीज और इंडस्ट्रियल गैसेज़), सौरभ कुंडू (चीफ कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी) और टीआरएल क्रोसाकी से सुनंदा सेनगुप्ता (एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर) शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

