पुराने गोदाम को किया जा रहा है दुरुस्त
फिलहाल प्रखंड परिसर में ट्रकों में ही पड़ा है अनाज
Jamshedpur News :
गम्हरिया प्रखंड में अनाज रखने की कोई व्यवस्था किये बिना ही नवंबर माह का अनाज भेजे जाने से चार ट्रकों को प्रखंड परिसर में ही खड़ा कर दिया गया है. इस मामले से संबंधित समाचार प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद विभाग ने अनाजों को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत पुराने गोदाम को ही दुरुस्त किया जा रहा है, जहां उक्त चावल को सुरक्षित रखा जा सके. विदित हो कि 28 अक्तूबर को गम्हरिया प्रखंड परिसर स्थित चावल गोदाम में आग लगने के बाद गोदाम को सील कर दिया गया है. इसी बीच विभाग द्वारा गम्हरिया प्रखंड को नवंबर माह का चार ट्रक अनाज भेज दिया गया है. वहीं प्रखंड में अनाज रखने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से अनाजों को फिलहाल ट्रक पर छोड़ दिया गया है. प्रखंड परिसर में लाखों का अनाज रखे जाने के बाद भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है व्यवस्था
गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय, अनाज गोदाम समेत परिसर में स्थित कार्यालयों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है. इसका खामियाजा आये दिन कर्मियों को भुगतना पड़ता है. इसके अलावा गोदाम में भी अगलगी से निपटने को लेकर कोई उपकरण नहीं रखा जाता था. इसकी वजह से उक्त घटना घटित हुई है. लोगों के अनुसार अगर गोदाम में आग से निपटने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था होती तो शायद उक्त घटना में इतना नुकसान नहीं होता. वहीं प्रखंड परिसर में भी किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने की वजह से प्रखंड के क्वार्टर व अन्य जगहों पर छोटी-छोटी चोरी की घटना भी घटित होती रहती है. इससे कर्मियों में भय का माहौल बना रहता है.घटना को मैनेज करने का आरोप
सूत्रों के अनुसार घटना पूरी तरह से सुनियोजित थी. आरोप है कि जांच व अगलगी की घटना को मैनेज करने की भी पूरी तैयारी कर ली गयी थी. घटना के एक दिन पहले ही अधिकांश अनाज को ठिकाना लगा दिया गया था. उससे अर्जित राशि से जांच टीम व अगलगी की घटना को मैनेज करने की योजना थी.गोदाम से गम्हरिया व कपाली के पीडीएस डीलरों को जाता था अनाज
करीब पांच सौ एमटी क्षमता वाले उक्त गोदाम से गम्हरिया प्रखंड व आदित्यपुर नगर निगम के करीब दो सौ पीडीएस दुकानों के अलावा चांडिल प्रखंड के भी कुछ दुकानों को अनाज भेजा जाता है. गोदाम में आग लगने से संबंधित दुकानों को अनाज पहुंच पाना मुश्किल हो गया है. इसका खामियाजा कार्डधारियों को भुगतना पड़ेगा. हालांकि अगलगी की घटना में कितनी मात्रा में अनाज की क्षति हुई है. इसका आकलन घटना के करीब 15 दिन बाद भी नहीं किया जा सका है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.घटना में शामिल संदिग्धों की भी तलाश शुरू
अगलगी की घटना के साथ-साथ गोदाम से चावल की हेराफेरी में शामिल रहने वाले अन्य संदिग्धों की भी तलाश प्रशासन ने शुरू कर दी है. इससे संदिग्धों में भी हड़कंप मच गया है. सूत्रों के अनुसार गरीबों के अनाजों की कालाबाजारी करने को लेकर एक बड़ा गिरोह सक्रिय था. उनके द्वारा नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारियों को अपने विश्वास में लेकर काम करने की बात कहकर डीलरों से औने-पौने कीमत पर अनाज की खरीदारी कराने में भूमिका निभाते थे. वैसे लोगों की भी तलाशी शुरू कर दी गयी है. माना जा रहा है कि घटना का शीघ्र खुलासा हो जायेगा, जिसमें आने वाले परिणाम चौकाने वाले होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

