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Jharkhand: नियोजन नियमावली 2022 को लेकर DC ने संस्थानों को जारी की नोटिस, 3 दिन का दिया समय

झारखंड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन नियमावली 2022 को लेकर जिला प्रशासन ने संस्थानों को नोटिस जारी की है. तीन दिनों के अंदर प्रतिवेदन देकर यह बताने को कहा कि उन्होंने अपने संस्थान में इसका कितना अनुपालन किया है.

झारखंड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन नियमावली 2022 को लेकर जिला प्रशासन ने स्थानीय कंपनियों, संस्थानों, होटल, रेस्टोरेंट, एसोसिएशन व क्लबों से तीन दिनों के अंदर प्रतिवेदन देकर यह बताने को कहा कि उन्होंने अपने संस्थान में इसका कितना अनुपालन किया है. उपायुक्त ने निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन के अनुपालन को लेकर निजी क्षेत्र की कंपनियों, विभिन्न संस्थाओं के चीफ, महाप्रबंधक, अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, प्रबंधक, सचिव को पत्र लिखकर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है.

इन्हें मिली नोटिस

चीफ, टाटा स्टील फाउंडेशन, प्रबंध निदेशक, टाटा मोटर्स, जमशेदपुर, महाप्रबंधक, टाटा स्टील यूटीलिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जमशेदपुर, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, अध्यक्ष-सचिव सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स जमशेदपुर, अध्यक्ष, महासचिव, जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स प्रबंध निदेशक, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड घाटशिला, प्रबंध निदेशक यूसीआइएल जादूगोड़ा, महाप्रबंधक, जमशेदपुर प्लांट, टाटा कमिंस प्राइवेट लिमिटेड, प्रबंध निदेशक टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, प्रबंध निदेशक जैमीपॉल, प्रबंध निदेशक पिग्मेंट जमशेदपुर, प्रबंध निदेशक लिंडे इंडिया लिमिटेड, प्रबंध निदेशक टाटा-हिताची, प्रबंध निदेशक टीआरएफ, प्रबंध निदेशक टाटा पावर, प्रबंध निदेशक, टिमकन इंडिया लिमिटेड, प्रबंध निदेशक नुवोको, प्रबंध निदेशक ट्यूब कम्पनी, प्रबंध निदेशक ब्लू स्कोप, प्रबंध निदेशक स्ट्रीप व्हील्स गोविन्दपुर, प्रबंध निदेशक आइएसडब्ल्यूपी जमशेदपुर, प्रबंध निदेशक, टीएसपीडीएल, महाप्रबंधक, गेल इण्डिया लिमिटेड, लायंस क्लब जमशेदपुर, होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन व अन्य शामिल हैं.

जिला प्रशासन ने टाटा पावर से लीज रेंट के बदले मांगे 897 करोड़ रुपये

पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने टाटा प्रबंधन को एक और पत्र लिखकर टाटा पावर का लीज रेंट ब्याज व अन्य कर जोड़कर तकरीबन 897 करोड़ रुपये भुगतान करने को कहा है. इसके लिए प्रशासन तीन बार पत्र लिख चुका है. प्रशासन की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि टाटा प्रबंधन को टाटा पावर के लिए वर्ष 1998 में 24 साल के लिए लीज दी गयी थी. वर्ष 2022 तक की गणना के अनुसार, कंपनी पर करीब 897 करोड़ रुपये की देनदारी बनी है. पूर्व में दिये गये विभागीय आदेश का हवाला देते हुए अब तक राशि भुगतान नहीं किये जाने की बात कही गयी है. इसके बाद कंपनी प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि वह यथाशीघ्र संबंधित राशि जमा कराये. इसके बाद उपायुक्त को इससे अवगत कराये. पत्र में कहा गया है कि निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी.

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