Indian Railways: जमशेदपुर-चांडिल के पास शनिवार तड़के दो मालगाड़ियों की टक्कर से बाधित रेल परिचालन लगभग 30 घंटे बाद आंशिक रूप से बहाल हो गया. रविवार सुबह चांडिल-पुरुलिया-आद्रा रेलखंड की अप लाइन दुरुस्त कर सबसे पहले मालगाड़ी चलायी गयी. इसके बाद दोपहर 12:15 बजे टाटा-गोड्डा यात्री ट्रेन को इस मार्ग से गुजारा गया. अप लाइन के बहाल होते ही पुरुलिया-आद्रा की ओर से टाटानगर और चक्रधरपुर की दिशा में ट्रेनों का आंशिक आवागमन शुरू हो गया. हालांकि डाउन लाइन और चांडिल-मुरी रेलखंड पर परिचालन अब भी ठप है.
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार तड़के करीब तीन बजे चांडिल जंक्शन से लगभग 200 मीटर की दूरी पर पितकी-उगडीह गांव के बीच दो मालगाड़ियों की आमने-सामने टक्कर हो गयी. हादसे में करीब 22 बोगियां पटरी से उतरकर ट्रैक के बीच में फंस गयीं. कुछ बोगियां चांडिल यार्ड जाने वाले मार्ग पर भी गिर गयीं, जिससे यार्ड का रास्ता अवरुद्ध हो गया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों ओर की पटरियां टूटकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयीं.
राहत और बहाली कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद रेलवे के कई विभागों की टीमें मौके पर पहुंचीं. पांच पोकलेन और पांच जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया. शनिवार सुबह से ही 500 से अधिक अधिकारी, इंजीनियर, टेक्नीशियन, सेफ्टी विभाग के कर्मचारी, गैंगमैन और ठेका मजदूर बहाली कार्य में जुट गये.
रेल अधिकारी कर रहे निगरानी
रेलवे अधिकारियों ने चांडिल स्टेशन के पास ही अस्थायी कैंप स्थापित कर कार्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं. रातभर रोशनी की व्यवस्था कर ट्रैक की मरम्मत जारी रही. रविवार तड़के साढ़े तीन बजे अप लाइन को दुरुस्त कर लिया गया. सुबह छह बजे रूट क्लियरेंस की औपचारिकता पूरी होने के बाद सबसे पहले मालगाड़ी को निकाला गया. इसके बाद टाटा-गोड्डा ट्रेन को पास कराया गया.
ट्रेन संचालन पर असर
हादसे के कारण चांडिल-पुरुलिया-आद्रा और चांडिल-मुरी रेलखंडों पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बाधित हो गया. कई यात्री ट्रेनों को रद्द, कुछ को डायवर्ट और कुछ को शॉर्ट टर्मिनेट करना पड़ा. यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से भेजने की व्यवस्था की गयी. अप लाइन बहाल होने से कुछ हद तक यात्री और मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गयी है, लेकिन डाउन लाइन बंद रहने से ट्रेनों की आवाजाही अभी भी सीमित है.
दुर्घटना के 40 घंटे के बाद भी डाउन लाइन बाधित
दुर्घटना के 40 घंटे के बाद भी डाउन लाइन की मरम्मत का कार्य जारी है. मलबा हटाने, टूटे हुए स्लीपर बदलने, पटरियां बिछाने और इलेक्ट्रिक ओवरहेड लाइन को पुनः जोड़ने में समय लग रहा है. चांडिल-मुरी रेलखंड पर भी स्थिति ऐसी ही है. रेलवे का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द डाउन लाइन बहाल कर परिचालन पूरी तरह सामान्य किया जाये, लेकिन क्षति की गंभीरता को देखते हुए इसमें कुछ और समय लग सकता है.
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