11 में से 5 जल स्रोतों में मिले बैक्टीरिया, डेढ़ माह में मिले 100 से अधिक डायरिया मरीज
Jamshedpur News :
पूर्वी सिंहभूम जिले में दस्त और डायरिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बीते डेढ़ माह में 100 से अधिक डायरिया के मरीज मिल चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि संक्रमण का कारण दूषित पेयजल है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित इलाकों के 11 जल स्रोतों से नमूने लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में जांच करायी. जांच में बैक्टीरिया होने की पुष्टि हुई है. इनमें कुछ जगहों पर एंटरोकोकस फेकेलिस और कुछ में ई-कोलाई बैक्टीरिया की मौजूदगी मिली है. जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने बताया कि 11 में से 5 जल स्रोतों में बैक्टीरिया पाये गये हैं. एंटरोकोकस फेकेलिस मानव और पशु मल से फैलता है. इससे मूत्र, हृदय और रक्त संक्रमण हो सकता है. वहीं, ई-कोलाई भी मल-जनित बैक्टीरिया है, जो तीव्र दस्त, पेट दर्द, उल्टी, बुखार और बच्चों में गंभीर डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है. बैक्टीरिया आमतौर पर शौच या सीवरेज के पानी के पीने के पानी में मिल जाने से फैलता है. पहली बार 10 जून को डायरिया के 10 मामले सामने आये थे, लेकिन जुलाई के पहले सप्ताह से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है.कहां मिले कितने मरीज
अब तक घाटशिला के चलकडीह गांव में 56 और अमाइनगर में 13, पोटका के धीरोल गांव में 8, मानपुर में 21 और पटमदा के जामडीह गांव में 12 मरीज डायरिया से पीड़ित मिले हैं. सबसे अधिक मामले घाटशिला, पोटका और पटमदा प्रखंड के गांवों में सामने आये हैं. सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने कहा कि डायरिया के लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

