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दो माह में शुरू होगी राखा-चापड़ी माइंस

जमशेदपुर: करीब 17 साल से बंद चल रही एचसीएल की राखा-चापड़ी माइंस को दो माह के भीतर चालू करने की योजना बनी है. मुख्यमंत्री और सांसद की पहल पर शुक्रवार को शासन की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एचीसीएल और यूसिल के बड़े अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी. दोनों कंपनियों के […]

जमशेदपुर: करीब 17 साल से बंद चल रही एचसीएल की राखा-चापड़ी माइंस को दो माह के भीतर चालू करने की योजना बनी है. मुख्यमंत्री और सांसद की पहल पर शुक्रवार को शासन की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित एचीसीएल और यूसिल के बड़े अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी. दोनों कंपनियों के बीच 67 हेक्टेयर पट्टा को लेकर चल रहा विवाद भी शुक्रवार को समाप्त हो गया. शासन ने इसके साथ ही एचसीएल की तीन अन्य खदानों को भी शीघ्र शुरू कराने का निर्णय लिया है.
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की अध्यक्षता में रांची में हुई बैठक के दौरान दोनों कंपनियों के पदाधिकारियों ने राखा माइंस के 67 हेक्टेयर पट्टा क्षेत्र को लेकर समझौता कर लिया. श्रीमती वर्मा ने दोनों कंपनियों के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि सुरक्षा को लेकर सरकार कंपनियों को हर अपेक्षित सहयोग करेगी. कंपनियां सीआइएसएफ की तर्ज पर गठित स्टेट इंडस्ट्रीयल सक्यिूरिटी फोर्स (एसआईएसएफ) की सेवा भी ले सकते हैं. मुख्य सचिव ने बताया कि दोनों कंपनियों में चल रहे विवाद की वजह से कॉपर खनन क्षेत्र के लीज का मामला प्रभावित था. कंपनियों के बीच समझौता हो जाने लीज स्वीकृति आसान होने के साथ खनन कार्य में भी तेजी आयेगी. चारों माइंस के लिए वन, प्रदूषण समेत अन्य आवश्यक एनओसी मिल चुके हैं. राखा के समीप क्रशर प्लांट लगाने के लिए जरूरी जमीन देने पर सरकार ने सहमति दे दी है. इसी तरह मुसाबनी की धोबनी, किशनीगढ़िया अौर पाछरगोड़ा कॉपर माइंस खुलने का रास्ता साफ हो गया है. एचसीएल अौर यूसिल माइंस की ओवर लैपिंग मामले का भी समाधान कर लिया गया है. यूसिल द्वारा दवा छिड़कने अौर एचसीएल द्वारा उत्खनन करने के लिए एनओसी देने पर सहमति बनी है. चारों माइंस खुलने से मुसाबनी व आसपास के करीब 10 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा.
गौरतलब है कि जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो की पहल अौर मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर शुक्रवार को रांची में उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसमें मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, एचसीएल की सीएमडी केडी दीवान, यूसिल के सीएमडी सीके असनानी, उद्योग सह आइटी सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, खान आयुक्त अबुबकर सिद्दकी, एचसीएल के एमडी संजय भट्टाचार्य, विवेक गुप्ता, डीके चौधरी, यूसिल के मनोज कुमार, एसके श्रीवास्तव मौजूद रहे.
चार बड़ी सड़कों के निर्माण को भी मंजूरी : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने पूर्वी सिंहभूम की चार बड़ी सड़कों के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की. इनमें पटमदा-बोंटा चौक से माधोपुर (बंगाल) सीमा तक, खड़ंगाझाड़ (टेल्को) से घोड़ाबांधा-लुआवासा धानचट्टानी होते हुए गोविंदपुर तक, बड़ाबांकी से बेको बंगाल सीमा तक अौर डुमरिया डाकबंगला चौक से लेकर कुमारसोल (ओड़िशा) सीमा तक की सड़कें शामिल हैं.

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