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अमेरिका की तर्ज पर बने भारत में विकास योजनाएं

जमशेदपुर: झारखंड सरकार के पूर्व सलाहकार डीएन गौतम ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति के पास जब कोई योजना जाती है तो वह फुलप्रुफ होती है. योजना के संबंध में बेस्ट ऑप्शन के साथ में सपोर्टिग दस्तावेज के रूप में उपलब्ध कराये जाते हैं.इसमें प्लान 1, प्लान 2, प्लान 3 यहां तक की प्लान 4 […]

जमशेदपुर: झारखंड सरकार के पूर्व सलाहकार डीएन गौतम ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति के पास जब कोई योजना जाती है तो वह फुलप्रुफ होती है. योजना के संबंध में बेस्ट ऑप्शन के साथ में सपोर्टिग दस्तावेज के रूप में उपलब्ध कराये जाते हैं.इसमें प्लान 1, प्लान 2, प्लान 3 यहां तक की प्लान 4 पेश किया जाता है. इसके साथ-साथ यदि किसी कारणवश यह ऑप्शन फेल होते हैं तो आपातकालीन योजना क्या होगी, जिससे पूर्व की बड़ी योजना पर फर्क नहीं पड़े, का भी खाका पेश किया जाता है. यही कारण है कि वहां कोई भी योजना फेल नहीं होती. योजना फेल होने की स्थिति में इसका असर काफी कम पड़ता है.

भारत में ठीक इसके उलट न तो किसी योजना को इस तरह लागू करने का खाका तैयार किया जाता है और न ही ऐसा प्लान बनाया जाता है कि योजना के फेल होने पर आपात स्थिति में क्या किया जायेगा. यही कारण है कि भारत में कोई भी योजना समय पर पूरी नहीं होती और यदि फेल हो जाती है तो उसमें करोड़ों के वारे-न्यारे हो जाते हैं. प्लान फेल होने पर इसकी जिम्मेदारी भी कोई नहीं लेता है.

जमशेदपुर दौरे के क्रम मे गुरुवार को प्रभात खबर से बातचीत करते हुए श्री गौतम ने कहा कि पुलिसिंग में भारी गिरावट का सामना समाज को करना पड़ रहा है. पहले जहां इसे पैशन के रूप में लेते थे, वहीं अब इसका इस्तेमाल ग्लैमर के रूप में हो रहा है. डे-टू-डे की रिपोर्टिग पर पूरी तरह से काम खत्म हो गया है. छोटे लोगों पर हाथ डालने में पुलिस समय नहीं लगाती है और जब किसी बड़े की बारी आती है तो प्राथमिकता और अनिवार्यता में फर्क आ जाता है.

वहीं करो जो मन कहे
बिहार के पूर्व डीजीपी रहे डीएन गौतम ने कहा कि इनसान को वहीं काम करना चाहिए जो उसका मन कहे. कई बार पूरी दुनिया उसे गलत करार दे सकती है, लेकिन यदि उसके स्वयं के विश्लेषण वह कार्य सही है तो उसे हर हाल में उसे पूरा करना चाहिए. सच्चई पर अड़े रहे. अपने चरित्र को मजबूत बनाये, तभी आनेवाली पीढ़ी याद रखेगी.

उपयुक्त नहीं था काम करना
झारखंड में मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में काम कर पाने में वे खुद को असमर्थ महसूस कर रहे थे, इसलिए उनका मानना है कि जब वे उस कुर्सी पर रहकर कुछ नहीं कर पा र2हे हैं तो उसे छोड़ देना चाहिए, इसलिए उन्होंने बिना समय गंवाये, इस्तीफा दे दिया.

सलाहकार बनने के दौरान रांची में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में उन्होंने कुछ नियम लागू करने का सुझाव दिया था, जिसे नहीं माना गया और रांची में एक के बाद दो बड़ी घटनाएं हुई, उनकी बातों को यदि मान लिया गया होता तो शायद बात कुछ और होती.

भ्रष्टाचार बोलने से नहीं मिटेगा
डीएन गौतम ने कहा कि भ्रष्टाचार बोलने से नहीं मिटेगा. भ्रष्टाचार तभी मिटेगा, जब हम अपनी सुविधाओं को कम करेंगे. अमेरिका में पूर्व होनेवाले राष्ट्रपति को ही सुरक्षा की सुविधा का प्रावधान है और हमारे देश में तो इसकी बात ही क्या करनी.

विश्व गुरु है भारत
धार्मिक और साहित्य की कई पुस्तकें लिख चुके डीएन गौतम ने कहा कि यह याद रहे कि भारत धर्म गुरु रहा है. यही कारण है कि सदियों से गुलामी की बेड़ियां में रहने के बाद भी भारत आजाद हो गया.

हम जब तक दूसरों की नकल करेंगे तो इसका सिर्फ नुकसान ही नुकसान होगा. भारत का स्थान विश्व गुरु का रहा है, अध्यात्म की राह पर चलेंगे तो हम न सिरमौर बनेंगे, बल्कि पतन से भी बचेंगे.

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