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उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय की गोली मारकर हत्या

जमशेदपुर: सोनारी थाना अंतर्गत शिवगंगा अपार्टमेंट के सामने उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय की मंगलवार की देर शाम सात बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी. उपेंद्र सिंह की हत्या के सातवें दिन उसके एक और करीबी की हत्या कर अखिलेश सिंह गिरोह ने जमशेदपुर में गैंगवार का नया दौर शुरू कर दिया है. […]

जमशेदपुर: सोनारी थाना अंतर्गत शिवगंगा अपार्टमेंट के सामने उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय की मंगलवार की देर शाम सात बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी. उपेंद्र सिंह की हत्या के सातवें दिन उसके एक और करीबी की हत्या कर अखिलेश सिंह गिरोह ने जमशेदपुर में गैंगवार का नया दौर शुरू कर दिया है. अमित राय की हत्या कर अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर आराम से भाग निकले. सरेशाम हुई गोलीबारी और हत्या से पूरे क्षेत्र में दहशत का आलम है. पुलिस हत्यारों की तलाश व पहचान करने की कोशिश में जुटी हुई है. पुलिस ने घटनास्थल से एक नाइन एमएम की स्वचालित लोडेड पिस्तौल बरामद की है. यह पिस्तौल अमित की है या हमलावरों की, यह पहचान नहीं हो पायी है.
गौरतलब है कि अमित पहले अखिलेश गिरोह के लिए काम करता था, लेकिन बाद में उसने उपेंद्र सिंह से हाथ मिला लिया. जिसके बाद से अमित अखिलेश सिंह के निशाने पर था. उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद टीएमएच में अमित राय ने जमकर हंगामा किया था. अमित पर अपनी गर्लफ्रेंड के घर फायरिंग करने, रंगदारी वसूलने सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट (कारमेल बाल विहार के पीछे) स्थित अपने निचली मंजिल के फ्लैट ए-2 में अमित राय बैठा हुआ था. उस समय वह किसी से बात कर रहा था. इसी बीच वहां घात लगाये दो अपराधियों ने उसे दबोचने की कोशिश की. इस दौरान फायरिंग की भी बात सामने आयी है. फायरिंग होते ही अमित राय वहां से भागकर घर से बमुश्किल बीस कदम दूर भीम पोद्दार की दुकान के आगे पहुंचा ही था कि उसे गिराकर पीछे से अपराधियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. तब तक सामने खड़े दो अपराधियों ने भी उस पर फायरिंग शुरू कर दी. इससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. घटनास्थल पर चारों तरफ खून फैल गया. अमित राय पर फायरिंग की आवाज सुनकर उसके पिता नागेंद्र कुमार राय और उसकी मां भागकर घटनास्थल पर पहुंचे. आसपास के लोगों की मदद से पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस की गाड़ी से अमित को तत्काल टीएमएच ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
अमित को लगीं चार गोलियां: फायरिंग में एक गोली उसकी बांयीं कान के पास सिर में लगी और तीन गोली उसकी पीठ पर दाहिनी तरफ लगी. सिर में लगी गोली आरपार हो गयी. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी.
हत्या के बाद पैदल भागे अपराधी
अमित की हत्या के बाद अपराधी वहां से पैदल ही भागे. फायरिंग होते ही पूरे क्षेत्र में भगदड़ मच गयी. सारे लोग इधर-उधर भागने लगे. आसपास के लोग यह बता नहीं पाये कि हमलावर किस ओर भागे या उनके साथ कोई और था या नहीं. पुलिस के अनुसार, हत्या को अंजाम देने के बाद अपराधी पहले से तैयार दो अन्य बाइक पर सवार होकर फरार हो गये.
पत्नी नहीं रहती है साथ
अमित राय शादीशुदा है और उसकी एक संतान भी है. उसकी पत्नी पूनम उसके साथ नहीं रहती थी.
बेटा घर पर ही था, अचानक फायरिंग सुनकर हम दौड़े : पिता
पिता नागेंद्र कुमार राय ने बताया कि शाम करीब सात बजे की यह घटना होगी. बेटा किसी से नीचे गैरेज के पास बात कर रहा था. अचानक बेटे को गोली लगने की आवाज सुनायी दी. हम लोग दौड़कर आये, वह खून से लथपथ मिला. हम लोग उसे तत्काल टीएमएच लेकर आये, जहां उसकी मौत की पुष्टि की गयी. किसने मारा है और क्यों मारा है, इसके बारे में मैं ज्यादा नहीं बता सकता हूं.
अमित राय हत्याकांड. उपेंद्र िसंह की तरह ही अमित भी बना निशाना
अमित राय की हत्या भी उपेंद्र सिंह की तरह ही अपराधियों ने की है. कोर्ट के बार भवन में उपेंद्र सिंह की हत्या के दौरान भी तीन से चार शूटरों ने फायरिंग की थी. उपेंद्र सिंह की हत्या के दौरान भी शूटरों ने उपेंद्र सिंह को पहले सिर में गोली मारी थी. उसके बाद उपेंद्र के गिरने पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर फरार हो गये थे. उसी तरह अमित राय की हत्या के दौरान भी तीन शूटरों की आने की सूचना है. अमित को भी शूटर ने सबसे पहले सिर पर गोली मारी. उसके बाद जब अमित सड़क पर गिरा, तो अपराधियों ने ताबड़तोड़ उसके बदन पर फायरिंग की और मौके से फरार हो गये. अमित राय को बायें कान के पीछे सिर पर एक गोली लगी है.

इसके अलावा शूटरों ने अमित राय को पीठ के दाहिने ओर तीन गोली मारी है. घटना की जानकारी मिलने के बाद डीएसपी हेड क्वार्टर-2 कैलाश करमाली, सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी,सीसीआर डीएसपी पूनम मिंज सहित बिष्टुपुर, गोलमुरी, मानगो, साकची, सोनारी थाना प्रभारी अपने दल-बल के साथ टीएमएच पहुंच कर मामले की जानकारी ली. अमित के समर्थक और लोगों की भीड़ को देखने के बाद क्यूआरटी और टाटा स्टील के एसआइएसएफ फोर्स को तैनात कर दिया गया. लोगों के आक्रोश को देखने के बाद पुलिस ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम किये. अमित के शव को शीतगृह में रखने के बाद अमित के परिवार के लोग और उसके समर्थक टीएमएच से चले गये. बुधवार को सोनारी पुलिस शव को अपनी देखरेख में पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज लेकर जायेगी. जहां पोस्टमार्टम के बाद अमित राय के शव को परिवार के लोगों के हवाले कर दिया जायेगा.

प्रेमिका के घर फायरिंग में हुई थी 10 साल की सजा
अखिलेश सिंह-अमलेश सिंह के लिए काम करने के दौरान ही उस समय साकची सुवर्णरेखा फ्लैट निवासी अमित राय ने पत्नी से विवाद होने के बाद उलीडीह वाटिका ग्रीन सिटी के फ्लैट में रहने वाली अपनी प्रेमिका (लोयोला स्कूल की प्लस टू की छात्रा) पर फायरिंग की थी. अमित ने 12 जुलाई 12 को घटना को अंजाम दिया था. फायरिंग के बाद अमित रात भर फ्लैट की छत पर रहा और फिर दूसरे दिन वहां से भागकर कोलकाता पहुंचा था. घटना के दिन नाइन एमएम की एक जीवित गोली और एक खोखा बरामद किया है. अमित को कोलकाता से 18 जुलाई 12 को पुलिस ने पकड़ा था. पुलिस ने अमित के पास से नकद 3.28 लाख रुपये, एक पिस्तौल, एक लैपटॉप, अश्लील वीडियो फिल्म तथा पेनड्राइव आदि बरामद किया था. इस मामले में एडीजे-वन की अदालत ने अमित राय को 14 अगस्त 2014 को 10 वर्ष की सजा सहित 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर अमित राय को घाघीडीह जेल भेज दिया गया था. बाद में करीब 6 महीने पहले हाइ कोर्ट से उसे जमानत मिली.
अखिलेश व अमलेश के नाम पर मांगता था रंगदारी. अखिलेश गैंग में रहने के दौरान अमित राय व्यापारियों से अखिलेश व अमलेश सिंह के नाम पर रंगदारी मांगता था. अमित राय ने 2004 में सोनारी निवासी विकास देबुका के पिता हरि प्रसाद देबुका से अमलेश सिंह के नाम पर रंगदारी मांगी थी. अमित राय और उसकी पत्नी को पुलिस ने जुबिली पार्क से गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि अमित पत्नी के सहयोग से अमलेश के नाम पर रंगदारी मांग रहा था. जेल से छूटने के बाद अमित पुणे, बेंगलुरू समेत अन्य स्थानों में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला कराने का काम करने लगा. इस दौरान बागबेड़ा के रेलवे ठेकेदार तपन सरकार के घर पर फायरिंग समेत अन्य मामलों में जेल जा चुका राकेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू भी उसके साथ था. राकेश उसकी महंगी कार लेकर भाग निकला था, जिसके संबंध में अमित ने बेंगलुरू में राकेश पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. राकेश को गिरफ्तार करने गयी साकची पुलिस पर भालुबासा में फायरिंग की गयी थी. बाद में राकेश के आरआइटी थाना क्षेत्र स्थित फ्लैट से कई पिस्टल बरामद की गयी. राकेश को छपरा से गिरफ्तार किया गया था.
एक माह पूर्व भी जालसाजी का केस दर्ज. अमित राय पर एक माह पूर्व भी साकची थाने में जालसाजी का केस दर्ज कराया गया है. पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही थी. पुलिस ने बताया कि अमित राय साकची बाजार की एक दुकान से बड़ी एलइडी टीवी खरीदी थी. टीवी लेने के बाद उसने पैसे देने की बात दुकानदार से की थी, लेकिन बाद में उसने दुकानदार को पैसे देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद दुकानदार ने अमित राय के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. इस मामले में डीएसपी अनिमेष नैथानी मामले की छानबीन कर रहे थे.
30 नवंबर को कोर्ट में हुई थी उपेंद्र सिंह की हत्या, सातवें दिन अमित बना निशाना
मानगो बस स्टैंड में 5 जुलाई 2011 की शाम उपेंद्र सिंह, पुलिसकर्मी तथा अखिलेश सिंह गिरोह के शूटरों के बीच मुठभेड़ की घटना से शुरू गैंगवार का नतीजा मंगलवार की शाम को सोनारी शिव गंगा अपार्टमेंट गेट के बाहर देखने को मिला. अखिलेश सिंह गिरोह के शूटरों ने विरोध गैंग के सरगना उपेंद्र सिंह की 30 नवंबर को कोर्ट के बार भवन में दिनदहाड़े हत्या कर दी थी. वहीं, अखिलेश सिंह गैंग का नाता तोड़कर हाल में उपेंद्र सिंह गैंग से जुड़े अमित राय की उपेंद्र सिंह की हत्या के सातवें दिन अखिलेश सिंह गैंग के शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. सूत्रों की मानें, तो अब अखिलेश सिंह गैंग का अगला टारगेट मानगो के गुरमुख सिंह मुखे हैं. उपेंद्र की हत्या के बाद अमित राय और मुखे ने टीएमएच में काफी विरोध जताया था. अमित राय को अखिलेश गिरोह ने समाप्त कर दिया.
जेल में अमित और अखिलेश सिंह की हुई थी अनबन. प्रेमिका पर गोली चलाने के मामले में जमानत पर छूटे अमित राय को अदालत ने दोषी करार देते हुए दोबारा जेल भेज दिया. अदालत ने अमित राय को सात वर्ष कैद की सजा सुनायी थी. कुछ माह तक अमित राय जेल में रहा. बाद में हाइकोर्ट से जमानत लेकर बाहर निकल गया. जेल में रहने के दौरान अमित अखिलेश सिंह की देखरेख में रहता था. जेल में उपेंद्र सिंह के साथ समझौते की बात अमित राय ने अखिलेश सिंह के साथ की थी, जिसको लेकर अखिलेश ने अमित राय को चेतावनी दी थी. इसी बात पर अमित राय ने अखिलेश का साथ छोड़ने का मन बना लिया. अखिलेश सिंह के पे रोल पर पहली बार बाहर आने पर अमित राय कोर्ट परिसर में नजर आया था, उसके बाद से अमित ने धीरे-धीरे अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्यों से नाता तोड़ लिया और उपेंद्र सिंह के साथ जा मिला. अखिलेश को आशंका थी कि उपेंद्र सिंह और उसके अन्य विरोधियों को अमित राय सूचना देकर उसे डैमेज करने का प्रयास कर रहा है. हाल में स्क्रैप व्यापारियों से रंगदारी मांगने की सूचना अखिलेश गैंग के दो साथी पकड़े गये थे. अखिलेश सिंह इस मामले में भी अमित को ही दोषी मान रहा था. अखिलेश गैंग के नाता तोड़ने के बाद अमित राय जिला पुलिस के कुछ अफसरों के साथ देखा जाता था, जो उसके लिए काल साबित हो गया.
उपेंद्र सिंह के बेटे की पार्टी के दिन भी हुई थी रेकी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद टीएमएच में अमित राय ने अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्यों को काफी अपशब्द कहा था. इसके साथ ही पुलिस के साथ मिलकर अखिलेश सिंह गैंग को क्रैक करने में मदद कर रहा था. अखिलेश गिरोह ने उपेंद्र सिंह की बेटे की पार्टी में 26 नवंबर को बागबेड़ा में गये अमित राय की पंडाल के अंदर और बाहर रेकी की थी. इसकी जानकारी अमित राय को होने पर अमित राय पार्टी समारोह से भागकर घर पहुंच गया था.
23 सितंबर को अमित पर हुआ था पहली बार हमला
अखिलेश सिंह का साथ छोड़ने पर अमित राय पर अखिलेश सिंह ने पहले 23 सितंबर को रात आठ बजे साकची सुवर्णरेखा फ्लैट के समीप हमला कराया था. स्विफ्ट कार में चालक सीट पर बैठे अमित को निशाना बनाकर दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने चार राउंड फायरिंग की थी. एक गोली कार के दरवाजा को छेदते हुए अमित के पीठ में लगी थी. गोली लगने के बाद अमित कार चलाते हुए टीएमएच पहुंचा गया. गोली अमित के पेट में अभी तक फंसी हुई थी. अमित के बयान पर साकची थाने में अखिलेश सिंह, कन्हैया सिंह और सुधीर दुबे समेत अन्य युवकों के खिलाफ गोली मारने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. अमित राय को टीएमएच से 26 सितंबर को छुट्टी मिली थी.
23 सितंबर को अमित राय का बिष्टुपुर से पीछा करते हुए अपराधी साकची तक पहुंचे थे और फ्लैट के पास मौका पाकर उस पर हमला किया. हमले के दौरान उसकी प्रेमिका भी बगल सीट पर बैठी थी. गोली लगने के बाद अमित कार चलाते हुए टीएमएच पहुंचा था. इसके बाद दोबारा अमित राय पर गोलमुरी में हमला करने का प्रयास किया गया था. अमित ने रेकी करने वाले दो युवकों की पिटाई कर उसे पुलिस को सौंप दिया था. पुलिस जांच में कुछ बात सामने नहीं आयी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों युवकों को छोड़ दिया. इसके बाद भी अमित की लगातार रेकी हो रही थी. अमित ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी. उपेंद्र सिंह हत्या के बाद अमित राय अखिलेश गैंग के निशाने पर था और 6 दिसंबर की शाम को अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्यों ने सोनारी शिव गंगा अपार्टमेंट के गेट के बाहर निकलते ही अमित राय पर अंधाधुंध गोलियां चलायीं. अमित को चार गोली लगी. इलाज के लिए टीएमएच ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी.
मारे गये थे अखिलेश सिंह के तीन साथी
मानगो बस स्टैंड में उपेंद्र सिंह द्वारा अपने अंगरक्षकों के साथ मिलकर अखिलेश सिंह के तीन सदस्यों को पुलिस की मदद से मार गिराया था. मरने वालों में अखिलेश सिंह गिरोह के भुइयांडीह निवासी विकास अोझा, मानगो दाईगुट्टू निवासी टेंपो चालक नीलेश सिंह अौर आरा निवासी गुड्डू शामिल था. बस स्टैंड की घटना के बाद से फरार अखिलेश सिंह अौर उपेंद्र सिंह की दुश्मनी बढ़ गयी थी. 24 मई 2014 को कोर्ट में पेशी के लिए आये अखिलेश सिंह को गोली मारने की कोशिश की गयी थी, लेकिन गोली नहीं चली थी. इस घटना में दो हमलावर पकड़े गये थे. जेल से अखिलेश सिंह द्वारा कोर्ट को चिट्टी लिख कर उपेंद्र सिंह अौर मुखे पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था, हालांकि पुलिस की जांच में दोनों का नाम नहीं आया था.
पुलिस बनाती रही अिखलेश तक पहुंचने की योजना, अमित की हत्या कर फिर दे दी चुनौती
उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद फरार शिवा रेड्डी, संजय सिंह उर्फ जोजो तथा हरीश को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है. पुलिस की दो टीमें तीनों अपराधियों की तलाश में शहर से बाहर छापेमारी कर रही है. लेकिन तीनों का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है.
इसके अलावा उपेंद्र हत्याकांड के बाद जिला पुलिस अखिलेश सिंह को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए उसके साथी चिंटू भालाेटिया, विनोद सिंह व संजय पलसानिया से पूछताछ की है. लेकिन उपेंद्र की हत्या के सात दिन बाद तक पुलिस अखिलेश सिंह को किसी भी तरह की आर्थिक चोट नहीं दे पायी, उल्टे अखिलेश सिंह ने उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय की हत्या कर पुलिस को चुनौती दे डाली है.
अमित राय की हत्या के बाद एसएसपी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की जांच का जिम्मा नई टीम बनाकर उसको सौंप दिया है. पुलिस अखिलेश गिरोह को क्रैक करने में लगी हुई है और अखिलेश के साथी पुलिस को चुनौती देने में जुटे हुए हैं. अब पुलिस के सामने यह चुनौती है कि क्या अखिलेश सिंह गैंग के अगले टारगेट को पुलिस बचाने में कामयाब रहेगी या नहीं?
पुलिस के साथ रहे अमित के मधुर संबंध
अमित राय का शहर के कई पुलिस पदाधिकारियों के साथ मधुर संबंध रहे थे. शहर के कई थानेदार अमित की कार पर घूमते थे. रात में पुलिस अधिकारी उसकी ही कार से अपने-अपने थाना क्षेत्रों में गश्त किया करते थे. कई पुलिस पदाधिकारी शहर छोड़ चुके हैं. वर्तमान में भी वह कई वरीय पुलिस अधिकारियों के संपर्क में था. सोनारी से पहले अमित राय साकची सुवर्णरेखा फ्लैट और उससे पहले ट्यूब बारीडीह टीएस एल 5 क्वार्टर नंबर 46 में रहता था. बारीडीह हाइ स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद अमित ने केएमपीएम इंटर कॉलेज में नामांकन कराया. उस दौरान वह पूनम झा के संपर्क में आया. जिसके बाद अमित ने पूनम के साथ लव मैरेज कर ली. शादी के कुछ साल बाद ही अमित अखिलेश सिंह के नाम पर रंगदारी मांगने में सामने आया. अमित का छोटा भाई पहले बेंगलुरू में रहता था. अमित के पिता टाटा स्टील से सेवानिवृत्त होने के बाद सोनारी चले गये.
जेल में सुधीर, कन्हैया से हुआ था विवाद. जेल में अमित राय अक्सर आरुणि वार्ड में अखिलेश सिंह के साथ रहता था. सिदगोड़ा, बारीडीह का होने के कारण अमित राय अखिलेश सिंह के संपर्क में आ गया था. अखिलेश गिरोह में अमित राय को अक्सर कन्हैया सिंह, सुधीर दुबे से चुनौती मिलती थी. अखिलेश सिंह को जमानत मिलने पर अमित अक्सर उसके संपर्क में रहता था. बिष्टुपुर के एक होटल में अखिलेश सिंह अपने सहयोगियों के साथ रुकता था. उस दौरान अमित राय भी शामिल रहता था. कन्हैया सिंह, सुधीर दुबे से विवाद होने के बाद अमित राय ने उपेंद्र सिंह से हाथ मिलाया. जिससे अखिलेश की खुन्नस बढ़ गयी. जेल में रहने के दौरान अमित अखिलेश के कई राज को जान गया था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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