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ढाई लाख में हुई दीपा-द्विज की हत्या, पोटका में कारपेंटर की हत्या के बाद साथी ने खोले राज

जमशेदपुर: पोटका थाना क्षेत्र के हाता चौक के समीप बन रहे मार्केट कॉम्पलेक्स में एक दुकान में कारपेंटर का काम कर रहे मुकेश शर्मा और मोहन शर्मा के बीच सोमवार को सुपारी में मिले पैसे के बंटवारे के कारण विवाद हो गया. यह सुपारी उन्होंने मानगो के मधुसूदन अपार्टमेंट में गत 15 नवंबर को हुई […]

जमशेदपुर: पोटका थाना क्षेत्र के हाता चौक के समीप बन रहे मार्केट कॉम्पलेक्स में एक दुकान में कारपेंटर का काम कर रहे मुकेश शर्मा और मोहन शर्मा के बीच सोमवार को सुपारी में मिले पैसे के बंटवारे के कारण विवाद हो गया. यह सुपारी उन्होंने मानगो के मधुसूदन अपार्टमेंट में गत 15 नवंबर को हुई मां-बेटे दीपा और द्विज हत्याकांड के लिए ली थी. मुकेश और मोहन के बीच विवाद के बाद बात इतनी बिगड़ गयी कि मुकेश शर्मा (27, पिता-रामदेव शर्मा) ने मोहन शर्मा (35, पिता-बंगाली शर्मा) की लकड़ी छिलने के लिए प्रयोग किये जाने वाले हथियार बटाली से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी. इस दौरान दोनों में झड़प भी हुई जिसके कारण मोहन शर्मा के गर्दन, चेहरे के अलावा हाथ पर भी बटाली से हमला किया गया. मुकेश और मोहन रिश्तेदार हैं और मानगो के मून सिटी हनुमान मंदिर रोड नंबर एक में दोनों का घर है.

हाता बिरसा चौक के समीप नकुल सरदार के द्वारा मार्केट कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जा रहा है, जहां दुकान के लिए भाड़े में लिये गये कमरे के मालिक गौतम गुप्ता के द्वारा दुकान में फर्नीचर बनाने का ठेका जमशेदपुर के विनोद प्रसाद को दिया गया था. विनोद प्रसाद ने यह काम मुकेश शर्मा को दिया.

फर्नीचर मिस्त्री मोहन शर्मा दूसरे मिस्त्री मुकेश कुमार शर्मा के बड़े भाई का साला है. यह दोनों 18 नवंबर से हाता के मार्केट कॉम्पलेक्स में रहकर फर्नीचर बनाने का काम कर रहे थे. सोमवार की शाम से ही दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था, जिसे वहां के स्थानीय लोग देख भी रहे थे, लेकिन उन्हें मामला समझ नहीं आया. रात में दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और मुकेश कुमार शर्मा ने मोहन शर्मा की हत्या कर दी.

इस हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी ने हल्दीपोखर रोड स्थित नदी में जाकर प्रयुक्त बटाली को पानी के अंदर छुपा दिया और वापस कॉम्पलेक्स में आ गया. स्थानीय लोगों की घटना की जानकारी अहले सुबह उस समय हुई जब वे अपनी-अपनी दुकान खोलने वहां पहुंचे. सबने देखा की मोहन की लाश क्षत-विक्षत अवस्था में दुकान में पड़ी है और मुकेश पास में ही बैठा है. मुकेश से लोगों ने जब पूछा कि इसे क्या तुमने मारा तो उसने कहा कि मैं मारता तो क्या यहां बैठा रहता. लेकिन घटनास्थल की स्थिति से यह साफ था कि हत्या को मुकेश ने ही अंजाम दिया है. लोगों ने मुकेश को अंदर ही बंद कर दुकान का शटर बाहर से लगा दिया और पुलिस को जानकारी दी. करीब एक घंटे बाद पुलिस वहां पहुंची और शव को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ पोटका थाना ले गयी. जिसके बाद पूछताछ के क्रम में उसने मानगो दीपा-द्विज हत्याकांड के राज खोले और उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मोहन की हत्या में प्रयुक्त बाटली को नदी से बरामद किया. जिसके बाद शाम में सिटी एसपी प्रशांत आनंद ने भी आरोपी मुकेश से पूछताछ की और फिर उसे लेकर एमजीएम थाना ले आये. जहां दीपा के पति बैंक मैनेजर शशि कुमार जो पांच दिन से पुलिस की हिरासत में है, से आमने-सामने पुलिस की पूछताछ जारी है. पुलिस अभी तक हत्या के पीछे बैंक मैनेजर की संलिप्तता मानकर चल रही है, इस पूछताछ से यह भी खुलासा होने की उम्मीद है. मिली जानकारी के अनुसार, 2.50 लाख रुपये में हत्या के लिए सुपारी देने की बात सामने आयी है. साथ ही पुलिस को मोहन हत्याकांड और दीपा-द्विज हत्याकांड में कुछ और अपराधियों के शामिल होने का संदेह है, जिसे लेकर जांच जारी है.

15 नवंबर को दिन में तीन से साढ़े तीन बजे के बीच हुई हत्या

मधुसूदन अर्पाटमेंट में मंजू और द्विज की हत्या की जांच कर रही पुलिस टीम को सोमवार को घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा. फुटेज में दो अपराधियों के शर्ट बदल कर बाहर निकलने की तसवीरें मिली. हत्या के बाद अलमीरा से जो नयी शर्ट को अपराधी पहनकर निकले, उस फुटेज को पुलिस ने बैंक मैनेजर को दिखाया. बैंक मैनेजर ने दोनों शर्ट की पहचान की, जिसके बाद पुलिस की जांच को मजबूती मिली. पुलिस के मुताबिक अपराधी 15 नवंबर को दिन के तीन बजे अपार्टमेंट में घुसे और हत्या करने के बाद दोनों साढ़े तीन बजे अपार्टमेंट से बाहर निकल गये. मुकेश ने अपने हाथ में अपार्टमेंट में जाते समय अखबार पकड़ा था और मोहन के हाथ में एक काले रंग का बैग था. निकलने के फुटेज में मुकेश के हाथ में अखबार नहीं था. उसी अखबार को पुलिस ने मंजू के फ्लैट से घटना के दूसरे दिन जांच के दौरान जब्त किया था.

सुपारी देने के मामले में दीपा के पति बैंक मैनेजर शशि कुमार से हो रही पूछताछ

दीपा और द्विज की हत्या का खुलासा होने के बाद दोनों की हत्या की सुपारी किसने कारपेंटर मोहन (अभी मृत) और उसके साला मुकेश शर्मा को दी. इस बिंदू पर जिला पुलिस के वरीय अधिकारी छह दिनों से हिरासत में बैंक मैनेजर सह मृतका के पति शशि कुमार से पूछताछ कर रहे हैं. फिलहाल पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि हत्या के लिए मोहन और मुकेश को 2.50 लाख रुपये में सुपारी दी गयी थी. कुछ एडवांस भी दिया गया. एडवांस राशि का बंटवारा ही दोनों के विवाद का कारण बना. सूत्रों के अनुसार, मुकेश ने पुलिस काे पूछताछ में बताया है कि मोहन खुद ही पूरे पैसे हजम कर जाना चाहता था और उसे उसका हिस्सा नहीं देना चाहता था, जिसके कारण उनके बीच विवाद हुआ. पुलिस की पूछताछ में बैंक मैनेजर सुपारी देने की बात से इंकार कर रहे हैं. लेकिन पुलिस को बैंक मैनेजर के अलावा अन्य किसी द्वारा सुपारी देने का कारण अभी तक सामने नहीं आया है. बैंक मैनेजर और गिरफ्तार मुकेश शर्मा को एमजीएम थाना में आमने-सामने बैठाकर पुलिस ने आमने-सामने पूछताछ की.

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